श्रीकृष्ण की दीवानी चित्रा: 12 की उम्र में छोड़ा घर-परिवार, 25 साल गोवर्धन परिक्रमा, अब 8 साल से यमुना किनारे सुना रहीं सहस्त्र पाठ 

Mathura-Vrindavan News: उत्तर प्रदेश के मथुरा-वृंदावन में यमुना तट पर भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन चित्रा ने बताया कि12 वर्ष की उम्र में मां के साथ पहली बार गोवर्धन परिक्रमा करने आई थीं। इसके बाद लौटकर गईं, लेकिन मन नहीं जमा तो घर-परिवार छोड़कर ब्रज में बस गईं।;

Update:2024-07-12 16:47 IST
मथुरा वृंदावन में लड्डू गोपाल के साथ चित्रा।Shri Krishna devotee Chitra
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Mathura-Vrindavan News: भक्ति और भगवान के प्रति लगाव ऐसा कि 12 की उम्र में घर-परिवार छोड़ ब्रजधाम में बस गईं। 42 साल से गोवर्धन पर्वत में कृष्णभक्ति में लीन हैं। 25 साल गोवर्धन परिक्रमा किया और अब 8 साल से यमुना किनारे बैठकर लड्डू गोपाल की सेवा में कर रही हैं। यह कहानी बंगाल के चित्रा की है। वह दिन में 8 बार भगवान कृष्ण का सहस्त्र नाम पाठ करती हैं।  

दर्जनभर लड्डू गोपाल, सबके अगल नाम  
चित्रा की उम्र अब 60 साल के करीब है, लेकिन भगवान के कृष्ण के प्रति उनकी दीवानी जरा भी कम नहीं हुई। यमुना किनारे बैठकर अब भी वह श्रीकृष्ण को दुलारती हैं। सहस्त्र नाम का पाठ सुनाती हैं। वह एक-दो नहीं बल्कि दर्जनभर लड्डू गोपाल अपने साथ रखती हैं और सभी को अलग-अलग नाम से पुकारती हैं। 

25 साल से गोवर्धन सेवा
चित्रा ने बताया, 12 वर्ष की उम्र में मां के साथ गोवर्धन परिक्रमा के लिए आई थीं। गोवर्धन परिक्रमा के बाद बंगाल स्थित घर तो चली गईं, लेकिन मन नहीं लगा। किशोर उम्र में ही वह भगवान कृष्ण के रंग में रंग गईं और घर परिवार छोड़कर गोवर्धन पहुंच गईं।  

टेंटनुमा झोपड़ी में भगवान ही सहारा 
चित्रा गोवर्धन से अब वृंदावन का रुख कर लिया है। यमुना किनारे बैठकर वह लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना और सहस्त्र नाम का पाठ सुनना उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। बारिश हो या फिर ठंड का मौसम, चित्रा को कोई फर्क नहीं पड़ता। यमुना किनारे एक टेंटनुमा झोपड़ी में भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति लीन रहती हैं।  

पूर्व जन्मों का नाता 
चित्रा का मानना है कि लड्डू गोपाल से उनका जन्मों पुराना नाता है। पूर्व के जन्म में भी वह इसी तरह से भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति किया करती थीं। चित्रा सुबह 3 बजे से कृष्ण भक्ति में लीन हो जाती हैं। सुबह से शाम तक में वह 8 बार लड्डू गोपाल को कृष्ण सहस्त्रनाम का पाठ सुनती हैं। 
 

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