BSP किसी पार्टी से नहीं करेगी गठबंधन: हरियाणा-पंजाब के बुरे अनुभव के बाद बसपा प्रमुख मायावती का ऐलान

बसपा प्रमुख मायवती ने आगामी चुनावों में किसी पार्टी से गठबंधन न करने का ऐलान किया है। शुक्रवार, 11 अक्टूबर को X पर पोस्ट कर बताया, सहयोगी पार्टियां बसपा को वोट तो ले लेती हैं, लेकिन हमारे प्रत्याशियों को नहीं दिलातीं।;

Update:2024-10-11 15:00 IST
मायावती ने ईवीएम को लेकर सवाल उठाए।BSP Chief Mayawati
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Mayawati on BSP Future: हरियाणा और पंजाब विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने अब किसी पार्टी से गठबंधन न करने का निर्णय लिया है। बसपा प्रमुख मायवती ने शुक्रवार को X पर पोस्ट लिखकर बताया कि अन्य पार्टियां बसपा कैडर को वोट तो ले लेती हैं, लेकिन बसपा प्रत्याशियों को वोट नहीं दिलाते। इससे आपेक्षित सफलता नहीं मिलती। हमारे कार्यकर्ता भी निराश हैं।

ट्रांसफर नहीं होता वोट 
मायावती ने कहा, उत्तर प्रदेश सहितत अन्य राज्यों में बीएसपी का वोट सहयोगी पार्टियों को ट्रांसफर हो जाने और उनका वोट बीएसपी को न मिलने से अपेक्षित चुनाव परिणाम नहीं मिले। इससे पार्टी कैडर निराश है। इस नुमसान से मूवमेन्ट को बचाना जरूरी है।

भाजपा-कांग्रेस से जारी रहेगी दूरी 
मायावती ने कहा, हरियाणा और इससे पहले पंजाब विधानसभा चुनाव के कड़वे अनुभव के मद्देनजर शुक्रवार, 11 अक्टूबर को समीक्षा बैठक हुई। इसमें अब क्षेत्रीय पार्टियों से भी गठबंधन न करने का निर्णय लिया गया है। मायावती ने X पर पोस्ट लिखकर यह भी स्पष्ट किया है कि भाजपा, एनडीए और कांग्रेस, इण्डिया गठबंधन से भी बसपा की दूरी पहले जैसे जारी रहेगी।

बसपा को कमजोर करने की साजिश 
मायावती ने कहा, बीएसपी देश की एकमात्र अम्बेडकरवादी पार्टी है। उसके आत्म-सम्मान और स्वाभिमान मूवमेन्ट के कारवां को हर तरह से कमजोर करने की कोशिशें जारी हैं। ऐसे में हमें अपना उद्धार खुद करने योग्य और शासक वर्ग बनने की प्रक्रिया जारी रखनी होगी।

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शासक वर्ग बनाने का आन्दोलन है BSP 
मायावती ने कहा, बीएसपी विभिन्न पार्टियों, संगठनों और उनके स्वार्थी नेताओं को जोड़ने के लिए नहीं, बल्कि बहुजन समाज के विभिन्न वर्गों को भाईचारा और सहयोग के बल पर संगठित कर राजनीतिक शक्ति बनाने के लिए बनी है। यह बहुजन समाज को शासक वर्ग बनाने का आन्दोलन है। इसे अब इधर-उधर में ध्यान भटकाना अति-हानिकारक है। 

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