Mayawati Vs Akhilesh: बसपा प्रमुख मायावती ने समाजवादी पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर सोमवार को निशाना साधा। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए खुद की जान का खतरा बताया। मायावती ने एक्स पर कई पोस्ट किए। जिसमें उन्होंने कहा कि सपा अति-पिछड़ों के साथ-साथ जबरदस्त दलित-विरोधी पार्टी है। हालांकि बीएसपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा से गठबंधन करके इनके दलित विरोधी चाल, चरित्र और चेहरे को थोड़ा बदले का प्रयास किा। लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद सपा फिर से अपने दलित विरोधी एजेंडे पर आ गई।
मायावती ने कहा कि अब सपा मुखिया जिससे भी गठबंधन की बात करते हैं, वे एक शर्त रखते हैं कि बसपा से दूरी बनाकर रखी जाए। उनकी इस बात को मीडिया भी खूब प्रचारित करता है। वैसे भी सपा के 2 जून 1995 सहित घिनौने कृत्यों को देखते हुए और इनकी सरकार के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी फैसले लिए गए हैं।
2. और अब सपा मुखिया जिससे भी गठबन्धन की बात करते हैं उनकी पहली शर्त बसपा से दूरी बनाए रखने की होती है, जिसे मीडिया भी खूब प्रचारित करता है। वैसे भी सपा के 2 जून 1995 सहित घिनौने कृत्यों को देखते हुए व इनकी सरकार के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी फैसले लिये गये हैं।
— Mayawati (@Mayawati) January 8, 2024
आवास से करनी पड़ रही बैठकें
मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने अपनी सरकार के दौरान एक षडयंत्र के तहत बसपा स्टेट ऑफिस के सामने ऊंचा पुल बनवाया। ये षड्यन्त्रकारी अराजक तत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों व राष्ट्रीय प्रमुख को भी हानि पहुंचा सकते हैं। इस आशंका के तहत पार्टी को महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहां से हटाकर पार्टी प्रमुख के निवास पर शिफ्ट करना पड़ा।
सिक्योरिटी एडवाइजरी के चलते पार्टी की बैठकें अपने आवास से करना पड़ रहा है। पार्टी दफ्तर में होने वाली बड़ी बैठकों में पार्टी प्रमुख के पहुंचने पर वहां पुल पर सुरक्षाकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ती है।
योगी सरकार से पार्टी दफ्तर बदलने की उठाई मांग
मायावती ने कहा कि इन हालातों बीएसपी यूपी सरकार से वर्तमान पार्टी प्रदेश कार्यालय के स्थान पर अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर व्यवस्था करने का भी विशेष अनुरोध करती है। उन्होंने आशंका जताई है कि कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। साथ ही, दलित-विरोधी तत्वों से भी सरकार सख्ती से निपटे।
अखिलेश बोले- तो तुड़वा दें पुल
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मायावती के आरोपों पर पलटवार किया है। अखिलेश ने कहा कि हम कुछ लोगों की पोस्ट नहीं पढ़ते हैं। वहीं, बसपा दफ्तर के पास बने पुल को लेकर उन्होंने कहा कि यह पुल जरूरी था तो बनवाया गया था। सबसे कम समय में यह पुल बना था। वह भाजपा को चिट्ठी लिख दें। बीजेपी की सरकार में तमाम बुलडोजर हैं। वो पुल तोड़ देंगे।