मेरठ में हादसा: तीन मंजिला इमारत गिरी, डेढ़ साल की बच्ची सहित 3 की मौत, रेस्क्यू जारी

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उत्तरप्रदेश के मेरठ में शनिवार (14 सितंबर) को बड़ा हादसा हो गया। बारिश के बीच तीन मंजिला इमारित अचानक भरभराकर गिर गई। मलबे में 15 लोगों के दबे होने की खबर है।

Building Collapsed Meerut: मेरठ में शनिवार (14 सितंबर) को बड़ा हादसा हो गया। बारिश के कारण जाकिर कॉलोनी में 3 मंजिला बिल्डिंग अचानक भरभराकर गिर गई। बिल्डिंग के मलबे में 10 लोग दब गए। सूचना पर पुलिस, प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने का काम शुरू किया। अब तक 6 लोगों को मलबे से सुरक्षित निकाला गया। हादसे में डेढ़ साल की बच्ची सहित 3 लोगों की मौत हो गई। तेज बारिश के बीच रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है।

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35 साल पुरानी थी बिल्डिंग
जानकारी के मुताबिक, 35 साल पुरानी बिल्डिंग 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला नफो की है। बिल्डिंग में नफो के बेटे साजिद और गोविंदा पत्नी, बच्चों के साथ रहते हैं। हादसे में पूरा परिवार दब गया है। तुरंत आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य में जुट गए। लोगों ने मलबे में दबे 10 लोगों में से तीन लोगों नईम, नदीम और शाकिर को निकाल लिया। तीनों को इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया। अभी मलबे में फरजाना, अलीशा, रिजा, सानिया, नफीसा, शाकिब और 3 महीने की बच्ची दबी हुई है।

मेरठ की संभागीय कमिश्नर सेल्वा कुमारी ने बताया, ज़ाकिर कॉलोनी में इमारत गिरी है। पुलिस और दमकल अधिकारी बचाव कार्य में जुटे हैं। सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को भी सूचित किया गया है।

सीएम योगी ने लिया संज्ञान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ के लोहियानगर में बिल्डिंग गिरने के हादसे पर संज्ञान लिया है। हादसे में घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित इलाज कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।


भैंसे भी मलबे में दबीं
नफो का परिवार डेयरी चलाता है। नीचे की मंजिल में भैंसे बंधी थी। मकान गिरने से परिवार के साथ पशु भी मलबे में दब गए। सूचना पर पुलिस पहुंची और एहतियात के तौर पर आसपास की इमारतों को खाली कराया गया। गली सकरी होने के कारण बड़ी मशीन अंदर नहीं जा सकी। दो घंटे बाद दूसरी मशीनें आईं, इसके बाद तेजी से बचाव कार्य शुरू किया गया है।

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