SP MLA Rafiq Ansari Arrested: उत्तरप्रदेश के मेरठ से बड़ी खबर है। मेरठ से समाजवादी पार्टी के विधायक रफीक अंसारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस को रफीक अंसारी के लखनऊ में होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद टीम वहां पहुंची और विधायक को लखनऊ से मेरठ लौटते वक्त रास्ते से अरेस्ट किया है। 

विधायक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही थी
जानकारी के मुताबिक, रफीक अंसारी इलाहाबाद हाईकोर्ट से गैर जमानती वारंट (100 NBW) के नोटिस के बाद भी अदालत में पेश नहीं हो रहे थे। लगातार नोटिस के बावजूद कोर्ट में पेश न होने पर विधायक की गिरफ्तारी के आदेश दिए गए थे। पुलिस विधायक की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही थी। लेकिन वो अंडरग्राउंड थे। अब पुलिस ने बाराबंकी से रफीक अंसारी को अरेस्ट किया है। पुलिस का कहना है कि शाम तक पुलिस रफीक अंसारी को लेकर मेरठ पहुंचेगी।

1995 में FIR, 1997 में गैर जमानती वारंट 
दरअसल, रफीक अंसारी सहित 35-40 अज्ञात लोगों के खिलाफ सितंबर 1995 में FIR हुई थी। जांच के बाद 22 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया। इसके बाद एक पूरक आरोप पत्र प्रस्तुत भी किया गया। अदालत ने अगस्त 1997 में मामले में संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की, लेकिन रफीक अदालत में पेश नहीं हुए। 12 दिसंबर, 1997 को उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। 

हाईकोर्ट में अपील, केस रद्द करने की अपील 
मेरठ की एमपी/एमएलए कोर्ट से आइपीसी की धारा 147, 436 और 427 के तहत विचाराधीन मामले में विधायक रफीक अंसारी के खिलाफ जारी वारंट को चुनौती दी गई है। उनके खिलाफ अब तक संख्या 101 वारंट जारी किए जा चुके हैं। धारा 82 सीआरपीसी के तहत कुर्की प्रक्रिया भी की गई। इसके बाद वह अदालत में पेश नहीं हुए और हाईकोर्ट में अपील दायर कर उनके वकील ने तर्क दिया कि मामले में 22 आरोपी 15 मई, 1997 के फैसले में बरी कर दिए गए हैं। उनके खिलाफ केस कार्रवाई रद्द करनी चाहिए।

मामले में कोर्ट ने यूपी पुलिस के डीजीपी को निर्देशित किया है कि वह रफीक अंसारी के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट की तामील कराएं। अन्यथा अगली तारीख पर अनुपालन हलफनामा प्रस्तुत करें। इसके लहए मामले को 22 जुलाई को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिए गए हैं। एसपी आयुष विक्रम सिंह ने बताया, विधायक रफीक अंसारी गैर जमानती वारंट रिकाल नहीं कर पाए। इसलिए पुलिस ने बाराबंकी से गिरफ्तार किया है।