Muzaffarnagar mosque Dispute : उत्तर प्रदेश के संभल और बदायूं के बाद मुजफ्फरनगर में भी मस्जिद विवाद सामने आया है। इसमें मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने का विवाद नहीं बल्कि शत्रु संपत्ति पर मस्जिद बनाकर कब्जाने का आरोप है। यह सम्पत्ति पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की थी।
पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान के पूर्वज हिसार (हरियाणा) में रहते थे। उनकी कुछ संपत्ति यूपी के मुजफ्फरनगर में थी। मुजफ्फरनगर स्टेशन के पास स्थित मस्जिद और आसपास की दुकानें लियाकत अली की संपत्ति में बनी हैं। उनके देश छोड़ने के बाद इसे
शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया है।
8 बिस्वा जमीन पर मस्जिद और दुकानें
सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप के मुताबिक, स्टेशन के सामने 930 खसरा नंबर पर स्थित आठ बिस्वा जमीन पर बनी मस्जिद और चार दुकानें शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज हैं, लेकिन अब एक आवेदन मिला है। मामले की जांच रिपोर्ट दिल्ली स्थित शत्रु संपत्ति अधिकरण को भेजी गई।
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हिंदू संगठन ने उठाए सवाल
हिंदू सनातन संगठन के संयोजक संजय अरोड़ा ने डेढ़ साल पहले प्रशासन को आवेदन दिया है। जिसमें उन्होंने दावा किया कि यह जमीन पूर्व पीएम लियाकत अली खान की है और मस्जिद गलत तरीके से बनाई गई है। मस्जिद और दुकान बनाने वाले लोग इसे वक़्फ़ की संपत्ति बताते हैं। उनका कहना है कि लियाकत अली खान के पिता ने 40 के दशक में यह जमीन वक़्फ़ को दान की थी। जबकि, जांच में इसे शत्रु सम्पत्ति पाया गया है।