One Nation One Election: उत्तर प्रदेश में वन नेशन वन इलेक्शन (एक देश-एक चुनाव) के मुद्दे पर राजनीतिक दलों की अलग अलग राय है। मोदी कैबिनेट में प्रस्ताव पारित होने के बाद भाजपा नेताओं ने इसका स्वागत किया है। वहीं सपा और कांग्रेस ने विरोध किया है। अखिलेश यादव ने इसे भाजपा सरकार की बड़ी साजिश बताया है। जबकि, बसपा प्रमुख मायावती ने एक साथ चुनाव का समर्थन करते हुए कहा, इसका उद्देश्य देश और जनहित होना जरूरी है।
वन नेशन, वन इलेक्शन और वन डोनेशन
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने वन नेशन वन इलेक्शन को भाजपा की साजिश बताते हुए कहा, वह मुद्दों से डायवर्ट करने के लिए ऐसे प्रस्ताव लेकर आते रहते हैं। अखिलेश ने पूछा-महिला आरक्षण कब लागू होगा? क्या सरकार तैयार है? वन नेशन, वन इलेक्शन की रिपोर्ट 18,626 पेज की है। इसे 191 दिनों में पूरा किया गया है। इसी बात से स्पष्ट हो रहा है कि चर्चा किस तरह की हुई होगी। अखिलेश ने कहा, यह भाजपा की रिपोर्ट है। वन नेशन, वन इलेक्शन और वन डोनेशन भी होना चाहिए।
मायावती बोलीं-बसपा का स्टैंड सकारात्मक
बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को लखनऊ में वन नेशन वन इलेक्शन पर अपनी प्रतिक्रिया दी। कहा, देश में लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय के चुनाव एक साथ कराने के इस प्रस्ताव पर बीएसपी का स्टैंड सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य देश और जनहित होना चाहिए। लखनऊ में हुई पार्टी की बैठक में उन्होंने बुलडोजर को विध्वंस कानून का प्रतीक बताया है। संविधान और कानून के राज पर अमल होना चाहिए।
अजय राय बोले-यह सरकार का नया प्रोपेगेंडा
यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने एक राष्ट्र एक चुनाव को सरकार का प्रोपेगेंडा बताया। कहा, अगर एक देश एक चुनाव की मंशा होती तो सरकार 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव भी एक साथ कराती। उपचुनाव भी इनके साथ कराए जाते, लेकिन उन्होंने ऐसा न कर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है। वर्तमान में चुनाव के समय कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए नया मुद्दा खड़ा करने का प्रयास है।