कौन हैं मुकुंदनाथ घोष: गोरखपुर के परमहंस योगानंद ने दुनिया को दी योग की सीख, पश्चिम बंगाल में खोला पहला स्कूल

Paramahansa Yogananda Mukundnath Ghosh
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गोरखपुर के परमहंस योगानंद मुकुंदनाथ घोष ने दुनिया को दी योग की सीख।
International Yoga Day: योगानंद मुकुंदनाथ घोष का जन्म 5 जनवरी 1893 को गोरखपुर के मुफ्तीपुर मोहल्ले में हुआ। पिता रेलवे में थे। 17 की उम्र में स्वामी युक्तेश्वर गिरि के संपर्क में आए और योग की बारिकियां सीखकर दुनिया में इसका प्रसार किया।    

International Yoga Day: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का जिक्र होते ही जेहन में गीता प्रेस का आता है। रामायण और गीता जैसे महत्वपूर्ण धर्म ग्रंथों और पुस्तकों का प्रकाशन यहीं से होता है। इन सबसे इतर गोरखपुर की पहचान योग से भी है। यहां के मुकुंद नाथ घोष दुनिया में पहले योग के पहला ब्रांड अंबेसडर हैं। जो बाद में परमहंस योगानंद नाम से मशहूर हुए।

असल में योग की डुगडुगी पूरी दुनिया में अगर किसी ने पीटी है तो वह परमहंस योगानंद ही थे। वह गुरु भी माने जाते हैं। उन्होंने वेस्ट कल्चर के योग से परिचय कराया है। अमेरिका में एक संस्था की शुरुआत की और लोगों को योग सिखाने लगे।

मुकुंदनाथ घोष यानी योगानंद का जन्म 5 जनवरी 1893 को गोरखपुर जिले के मुफ्तीपुर मोहल्ले में हुआ। उनके पिता भगवती चरण घोष रेलवे कर्मचारी थे और उनकी पोस्टिंग गोरखपुर में थी। परिवार कोतवाली के पास किराए का कमरा लेकर रहता था।

परमहंस योगानंद ने आत्मकथा ऑटोबायोग्राफी ऑफ योगी' में बताया कि वह शुरुआत से ही सधुक्कड़ी मिजाज के थे. बचपन में गुरु की खोज में निकल गए। 17 साल की उम्र में उनकी मुलाकात स्वामी युक्तेश्वर गिरि से हुई और प्रभावित होकर वह स्वामी युक्तेश्वर गिरि के शिष्य बन गए। बाद में उनके साथ रहने लगे। ऑटोबायोग्राफी ऑफ योगी योग पर लिखी किताबों में सबसे से ज्यादा बिकने वाली किताब है।

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