Politics on encounter : उत्तर प्रदेश में बदमाशों का लगातार एनकाउंटर हो रहा है। वहीं एनकाउंटर को लेकर विपक्ष सीएम योगी ( CM Yogi) को लगातार घेर रहा है। ताजा मामला सुलतानपुर में डकैती के आरोपित मंगेश यादव (Mangesh yadav) को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराने का सामने आया है। योगी सरकार में पिछले सात वर्षों में 207 से अधिक अपराधी पुलिस की गोली से मारे गए हैं और साढ़े छह हजार से अधिक घायल हुए हैं।

इनमें से सर्वाधिक 66 अपराधी मेरठ जोन में मारे गए हैं। इस दौरान 17 पुलिस अधिकारी और कर्मी भी शहीद हुआ है। इसके साथ ही लगभग 1500 से अधिक घायल हुए हैं।

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मंगेश यादव के एनकाउंटर पर मचा बवाल
हाल में सुलतानपुर में डकैती के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर के बाद उत्तर प्रदेश में सियासी पारा बढड गया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। वहीं इनामी बदमाशों को मारने वाले पुलिसकर्मियों को पुरस्कार दिया जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश में अपराध के प्रति जीरो टालरेंस की बात कर रहे हैं। अगर योगी सरकार में एनकाउंटरों की बात करें तो पिछले सात साल में अब तक 207 अपराधी पुलिस की गोली लगने से मारे गए और साढ़े छह हजार से अधिक बदमाश घायल हुए है। 

प्रयागराज में बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपित व माफिया अतीक अहमद (अब मृत) के बेटे असद व शूटर मो. गुलाम को पुलिस टीम ने 13 अप्रैल, 2023 को झांसी में मार गिराया था। बहुचर्चित बिकरू कांड का मुख्य आरोपी व हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे भी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। बीते स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेश के 17 पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति का वीरता पदक प्रदान किया गया। इनमें असद व गुलाम को मार गिराने वाले दो पुलिस उपाधीक्षकों समेत छह पुलिसकर्मी भी शामिल थे।

गौतमबुद्धनगर में एक लाख के इनामी बदमाश मेहरबान, बिजनौर में ढाई लाख के इनामी बदमाश आदित्य राणा उर्फ रवि तथा कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड में शामिल रहे प्रवीण दुबे उर्फ बउवा को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराने वाले पुलिसकर्मियों को भी वीरता पदक प्रदान किया गया था।

2020 में हुआ था विकास दुबे एनकाउंटर
बिकरू गांव में तीन जुलाई, 2020 को हिस्ट्रीशीटर अपराधी विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला बोल दिया गया था, जिसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी बलिदान हो गए थे। 22 मार्च, 2017 से अब तक प्रदेश में पुलिस व बदमाशों के बीच लगभग 12,525 मुठभेड़ हुई हैं, जिनमें लगभग 27 हजार अपराधी पकड़े गए। मेरठ के बाद वाराणसी जोन में 21 व आगरा जोन में 16 अपराधी पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुए हैं।

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