Mahakumbh 2025 shahi snaan: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला 13 जनवरी से शुरू हो रहा है। 28 फरवरी तक चलने वाले इस महाकुंभ में 6 शाही स्नान पड़ रहे हैं। महाकुंभ का पहला शाही 13 जनवरी (सोमवार) को पौष पूर्णिमा पर होगा। जबकि, अंतिम शाही स्नान 26 फरवरी (बुधवार) को महाशिवरात्रि पर होगा।
दिनांक | दिन | शाही स्नान |
13 जनवरी | सोमवार | पौष पूर्णिमा |
14 जनवरी | मंगलवार | मकर सक्रांति |
29 जनवरी | बुधवार | मौनी अमावस्या |
3 फरवरी | सोमवार | बसंत पंचमी |
12 फरवरी | बुधवार | माघी पूर्णिमा |
26 फरवरी | बुधवार | महाशिवरात्रि |
क्या है शाही स्नान?
शाही का अर्थ राजसी और भव्यता से है। महाकुंभ के दौरान खास मुहूर्त पर गंगा स्नान को शाही स्नान कहते हैं। कुंभ मेले में यह सबसे पवित्र दिन होते हैं। इस दौरान ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति अत्यंत शुभ होती है। इन्हें अमृत प्राप्ति का प्रतीक भी मानते हैं। विभिन्न अखाड़ों से आए साधु-संत शाही स्नान करते हैं।
शाही स्नान का धार्मिक महत्व
सनातन संस्कृति में मान्यता है कि शाही स्नान से लोग पापमुक्त होते हैं। इनसे मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। शाही स्नान को समुद्र मंथन से जोड़कर देखा जाता है। मान्यता है कि समुद्र मंथन से जो अमृत कलश निकला था। देवताओं ने उसे पवित्र स्थानों पर स्थापित किया है। शाही स्नान ग्रह-नक्षत्रों पर होता है।
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संगम पहुंचने के लिए चार एंट्री प्वाइंट
महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं को चार जगह से एंट्री मिलेगी। काली सड़क से होकर वह संगम पहुंचेंगे, लेकिन वापसी त्रिवेणी मार्ग से करनी होगी। 13 जनवरी और 14 जनवरी को शाही स्नान भीड़भाड़ को देखते हुए विशेष व्यवस्था की गई है। एसएसपी कुंभ राजेश कुमार द्विवेदी ने बताया कि मेला क्षेत्र में यातायात व्यवस्था को सुगम बनाए रखने अलग-अलग प्लान बनाए गए हैं।