गंगा मैली हो गई: क्या महाकुंभ में संगम स्नान से बीमार हो सकते हैं? CPCB की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

Prayagraj Sangam water quality: प्रयागराज महाकुंभ स्थित संगम के पानी पर सियासत शुरू हो गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने 17 फरवरी को एनजीटी की रिपोर्ट सार्वजनिक कर इसे दूषित बताया है। रिपोर्ट के मुताबिक, संगम का पानी पीना तो दूर नहाने लायक तक नहीं है। इससे गंभीर बीमारियों को खतरा है। हालांकि, CM योगी आदित्यनाथ ने रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। कहा, यह महाकुंभ को बदनाम करने की साजिश है।
ऐसा है संगम का पानी?
- रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि संगम में कुछ जगह गंदे पानी का स्तर बहुत चिंताजनक है। इससे श्रद्धालुओं की सेहत पर गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। सरकार को फौरन ध्यान देना चाहिए।
- रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि संगम के पानी में फेकल कोलीफॉर्म की मात्रा बहुत ज्यादा मिली है। सामान्य दिनों यह 2,500 यूनिट प्रति 100 एमएल होती है, लेकिन महाकुंभ के चलते इसकी मात्रा का बढ़ गई है। जिस कारण संगम का पानी स्नान के लिए लायक भी नहीं बचा।
एनजीटी ने की सुनवाई
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और ए सेंथिल वेल की पीठ ने मामले पर सुनवाई की। साथ ही उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) की कार्यवाही पर नाराजगी जताई है। कहा, पूर्व में जारी आदेश के अनुसार, यूपीपीसीबी ने समग्र कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की। उसने जल परीक्षण की चंद रिपोर्टों के साथ पत्र दाखिल किया था। इनमें भी अलग-अलग स्थानों पर अपशिष्ट जल ( Waste water ) का स्तर अधिक बताया गया है।
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CM योगी बोले-संगम का पानी पीने लायक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार (19 फरवरी) को संगम के गंदे पानी पर जवाब दिया। कहा, प्रयागराज महाकुंभ मेले में पवित्र डुबकी लगाने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से यह खिलवाड़ है। सीएम ने कहा, संगम का पानी न केवल डुबकी लगाने, बल्कि यह पीने के लिए भी उपयुक्त है। सीपीसीबी की फेकल बैक्टीरिया रिपोर्ट के बाद महाकुंभ को बदनाम करने का दुष्प्रचार चल रहा है।
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