प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया हम सब तालाब के पास खड़े थे, तभी तेज स्पीड में आया ट्रैक्टर-ट्रॉली तालाब में जा गिरा। ट्रॉली में किनारे साइड खड़े लोग तो छिटक कर दूर जा गिरे। लेकिन अंदर बैठे लोग पानी में चले गए। कुछ लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली में दब गए थे। दौड़कर अन्य ग्रामीणों को बुलाया और बचाव कार्य शुरू किया। किसी ने पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद एम्बुलेंस और पुलिस बल भी पहुंच गया। बेहोश लोगों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया।
नगला कसा गांव से मासूम का मुंडन कराने जा रहे थे परिजन
कासगंज हादसे में एटा जिले के नगला कसा गांव से परिवार के लोग गौरव नाम के जिस मासूम का मुंडन कराने कादरगंज गंगाघाट जा रहे थे। उसकी की भी मौत हो गई। सभी श्रद्धालुओं को बाहर निकाला जा चुका है, लेकिन मासूम लापता है। तलाश जारी है। फिलहाल, दमकल गाड़ी और पंपसेट तालाब खाली किया जा रहा है।
दहल उठा नगला कसा, वाहन में सवार थे 54 लोग
कासगंज हादसे में जान गंवाने वाले सर्वाधिक श्रद्धालु एटा के नगला कसा गांव के ही हैं। ट्रैक्टर ट्रॉली रोरी निवासी राहुल का था। इसमें बच्चों व महिलाओं को मिलाकर 54 लोग सवार थे।
कासगंज हादसे में 22 मृतकों की शिनाख्त
कासगंज हादसे जान गंवाने वाले 22 लोगों की शिनाख्त हुई है। इनमें कसा गांव की शकुंतला पत्नी वीरपाल, गायत्री पत्नी रजनेश, शिवानी पत्नी राजेश, उमा देवी पत्नी शिवम, रामलता पत्नी रनवीर, रामबेटी पत्नी खुन्नूलाल, सपना पत्नी गौरव, कुलदीप पुत्र मुकेश, जविता पत्नी संदीप, अंशुली पुत्री राजेश, कार्तिक पुत्र राजेश, देवांशु पुत्र भूरे और अवनेश पुत्र राजेंद्र शामिल हैं।
दुर्घटनाग्रस्त ट्रॉली में सवार थे 54 लोग
- कसा गांव के शिवम, आर्यन, उमा देवी, अंजलि, अनुभव, रजनी, रानी, दीक्षा, मंडल, कुंवरपाल, प्रांशु, गायत्री देवी, पुष्पा देवी, सतेंद्र सिंह, गौरव, बिट्टू पुत्र गौरव-बेटी सपना, मीरा देवी, शकुंतला देवी, दीक्षा अवनेश, दर्शनपाल, रूबी, अनमोल, लक्ष्मी देवी, देवांशु, शिवानी, महेंद्र पाल, कार्तिक, सौम्या, मिथलेश, ओमपाल, तनु, राजकुमारी, कुलदीप, कमलेश, जविता, संजीव और उसकी बेटी पायल, रामबेटी, राजपाल, श्यामलता मीरा देवी,
- बरार गांव के नेकराम और एक अज्ञात लड़का।
- खिरिया गांव के देवेंद्र सिंह और साहब सिंह थे।
- रौरी गांव के अंजली, राहुल, सनी के अलावा 5 अन्य लोग थे, जिनकी पहचान नहीं हो पाई।