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Lok Sabha Election-2024: समजादवादी पार्टी ने लखनऊ लोकसभा सीट से अपने विधायक को प्रत्याशी घोषित कर दिया। जबकि, गठबंधन में अभी सहमति नहीं बनी। 

Lok Sabha Election-2024: कांग्रेस और लोकदल से समझौते की अटकलों के बीच समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को लखनऊ लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। सपा के राष्ट्रीय अखिलेश यादव ने लखनऊ मध्य से पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा को लखनऊ सीट से प्रत्याशी बनाया है। पिछले महीने उन्हें लोकसभा प्रभारी बनाया गया था। 

विधायक मेहरोत्रा सपा के पुराने व जमीनी नेता माने जाते हैं। पहली बार 1989 में वह लखनऊ पूर्वी सीट से जनता दल की टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे। फिर 2012 में लखनऊ मध्य विधायक बने। तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने उन्हें मंत्री भी बनाया था। हालांकि, 2017 के चुनाव में रविदास मेहरोत्रा चुनाव हार गए थे। अब पुन: इसी सीट से सपा के विधायक हैं। 

52 साल में 250 बार जेल गए 
रविदास मेहरोत्रा ने राजनीति की शुरुआत कॉलेज के समय से शुरू की थी। वह जनहित के मुद्दों पर हमेशा मुखर रहते थे। यही वजह है कि 50 साल के राजीतिक सफर में उन्हें तकरीब 250 बार जेल जाना पड़ा। 18 बार तो वह 2007 से 2012 के बीच मायावती सरकार में 18 बार जेल भेजे गए थे। 

MLA Ravidas Mehrotra
धरना प्रदर्शन करते सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा व अन्य सपा नेता। 

छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय, जेल में मिले थे मुलायम 
मेहरोत्रा की मुलायम सिंह यादव से जेल में ही मुलाकात हुई थी। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि 1973-74 में वह जय प्रकाश नारायण के आंदोलन से जुड़े थे। आपातकाल के दौरान वह 18 महीने जेल रहे। इसी समय सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से उनकी मुलाकात हुई थी। जनहित के मुद्दों के चलते कई बार उन्हें तन्हाई बैरक में रखा गया। जेल से निकले थे 1989 में मुलायम सिंह ने प्रत्याशी बनाया। 

kajal Nisad
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के साथ सपा नेत्री कााजल निसाद व अन्य।

प्रदेश अध्यक्ष सहित यह नाम भी चर्चा में 
समाजवादी पार्टी ने दो माह पहले यूपी की सभी सीटों के लिए लोकसभा प्रभारी घोषित कर संगठन मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। बेहतर कार्य करने वाले प्रभारियों को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। इनमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल फतेहपुर, विधायक लालजी वर्मा अंबेडकरनगर, राजीव राय घोसी, गोरखपुर से काजल निषाद और सलेमपुर से रमाशंकर विद्यार्थी के नाम की भी चर्चा है। हालांकि, गठबंधन में सीट शेयरिंग के चलते अभी फैसला अटका हुआ है। 

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