UP Vidhan Sabha: उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार 30 जुलाई को श्रम कानून संशोधन, धर्म परिवर्तन, लव जिहाद और निजी विवि संशोधन अधिनयम पारित किए गए हैं। राज्यपाल की अनुशंषा के बाद यह सभी कानून लागू होंगे। लव जिहाद कानून में अपराधी को उम्र कैद और जुर्माना सहित कई सख्त प्रावधान जोड़े गए हैं। जबकि, संशोधित श्रम कानून और निजी विवि संसोधन अधिनयम 2024 में उद्योगपतियों को राहत देने की कोशिश है। सरकार का तर्क है नए कानून से प्रदेश में निवेश बढ़ेगा।
धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध संशोधन अधिनयम
उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध संशोधन अधिनयम में सजा दोगुनी कर दी गई है। लव जिहाद के लिए नाबालिग लड़की के अपरहण और उसे बेचने पर उम्र कैद की सजा का प्रावधान है। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने 2021 में भी इसके खिलाफ कानून बनाया गया था। अब उसमें जेल और जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है। धोखे में रखकर धर्म परिवर्तन और शादी करने 3 से 10 साल तक की सजा होगी। जबकि, 25 हजार रुपए जुर्माना पहले इस कानून में 15 हजार जुर्माना और पांच साल तक की जेल थी।
अवैध तरीके से सामूहिक धर्म परवर्तन कराने पर 7 से 14 साल तक जेल और एक लाख तक जुर्माना हो सकता है। जबकि, इसके लिए फंडिंग करने और लेने वाले को 14 साल तक की जेल और 10 साल तक की जेल हो सकती है।
श्रम संशोधन अधिनयम: जेल के बदले 10 गुना जुर्माना
श्रम संशोधन अधिनयम के तहत किसी औद्योगिक संस्थान या फैक्ट्री में ओवर टाइम काम के बदले बोनस न देने पर मालिक को जेल नहीं होगी। उन्हें 10 हजार जुर्माना चुकाना होगा। सेवा योजन विभाग के अधिकारी ने बताया, औद्योगिक इकाइयों व्यापारिक प्रतिष्ठानों और फैक्ट्रियों में आमतौर पर श्रमिकों से ओवर टाइम कराकर बोनस दिया जाता है, लेकिन कुछ जगह अतिरिक्त काम के बाद भी श्रमिकों को बोनस नहीं दिया जाता। इस तरह के मामलों में अब तक फैक्ट्री मालिकों 6 माह तक की जेल और एक हजार के जुर्माने का प्रावधान था, लेकिन औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने सरकार ने कानून में थोड़ी राहत दी है। कारावास प्रावधान सामप्त कर जुर्माने की राशि एक हजार से बढ़ाकर 10 हजार की गई है।
निजी विवि चतुर्थ संशोधन अधिनियम: विवि की स्थापना आसान
निजी विवि चतुर्थ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा, पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार यह विधेयक लेकर आई है। जबकि, सरकार ने इसके फायदे गिनाए। अंतत: विधायकों ने कानून पास कर दिया। नए कानून के तहत अब यूपी में विवि की स्थापना आसान हो जाएगी। इसके लिए जरूरी शर्तों व नियमों पर राहत दी गई है।