UP Assembly By Election: उत्तरप्रदेश से बड़ी खबर है। समाजवादी पार्टी ने UP की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा शुरू कर दी है। बुधवार(9 अक्टूबर) को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 6 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। अयोध्या की मिल्कीपुर, कानपुर की सीसामऊ, मिर्जापुर की मंझवा, प्रयागराज की फूलपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी और मैनपुरी की करहल सीट से सपा ने कैंडिडेट मैदान में उतार दिए हैं। 

अखिलेश के सांसद बनने से खाली हुई सीट 
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी सीट करहल से चचेरे भाई तेज प्रताप यादव को टिकट दिया है। अखिलेश के सांसद बनने के बाद करहल की सीट खाली हुई थी। यहां से अखिलेश यादव के परिवार से ही तेज प्रताप को टिकट दिया है।  कानपुर की सीसामऊ सीट से इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को प्रत्याशी बनाया है।

मिल्कीपुर से अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा 
अयोध्या की मिल्कीपुर सीट से सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को टिकट दिया है।अंबेडकरनगर की कटहरी सीट से लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा को प्रत्याशी बनाया है। प्रयागराज की फूलपुर सीट से मुस्तफा सिद्दकी को टिकट दिया है। मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले रमेश चंद बिंद की बेटी ज्योति बिंद को मझवां से टिकट दिया है। 

कांग्रेस को कितनी सीटें? 
चर्चा है कि 4 सीटों पर भी सपा जल्द ही निर्णय ले सकती है। देखना यह रोचक होगा कि शेष चार सीटों में से कांग्रेस को कितनी सीटें मिलती हैं। कांग्रेस ने 5 सीटों की मांग की थी, लेकिन हरियाणा चुनाव में हार के बाद उनकी यह मांग पूरी होती प्रतीत नहीं हो रही है। जानकारों का कहना है कि अखिलेश यादव संभल की कुंदरकी और मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीटों पर भी जल्द उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे। समाजवादी पार्टी गठबंधन के तहत गाजियाबाद और खैर सीटें कांग्रेस को दे सकती है, जो 2022 के चुनाव में बीजेपी ने जीती थीं।

जानें कौन सी सीट क्यों हुई खाली?
उत्तरप्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। 10 में से पांच सीटों पर सपा और 3 पर भाजपा का कब्जा था। गाजियाबाद, मझवा और फूलपुर में भाजपा प्रत्याशियों ने विधायकी का चुनाव जीता था। 10 सीटें क्यों खाली हुई? हम आपको बताते हैं।

  1. मैनपुरी की करहल सीट से अखिलेश यादव विधायक थे। अखिलेश 2024 में कन्नौज सीट से लोकसभा का चुनाव जीते और सांसद बन गए। अखिलेश के सांसद बनने से करहल सीट खाली हो हो गई।
  2. अयोध्या की मिल्कीपुर से अवधेश प्रसाद विधायक थे। अवधेश ने 2024 में फैजाबाद सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा। जीतकर सांसद बन गए। अवधेश के सांसद बनने के बाद मिल्कीपुर सीट खाली हो गई। अब अवधेश के बेटे अजीत प्रसाद मिल्कीपुर से चुनाव लड़ेंगे।
  3. अंबेडकरनगर की कटेहरी से लालजी वर्मा विधायक थे। अंबेडकर नगर से सांसद बनने के बाद सीट खाली हो गई। 
  4. मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से जियाउर रहमान बर्क विधायक थे। संभल से सांसदी का चुनाव जीतने के बाद सीट खाली हो गई। 
  5. अलीगढ़ की खैर सीट से अनूप वाल्मीकि सांसद थे। हाथरस से सांसद बनने के बाद सीट खाली हो गई।
  6. गाजियाबाद की सदर सीट से अतुल गर्ग विधायक थे। गाजियाबाद से सांसदी का चुनाव जीतने के बाद सीट खाली हो गई। 
  7. मुजफ्फरनगर की मीरापुर से चंदन चौहान विधायक थे। बिजनौर के सांसद बनने के बाद सीट खाली हो गई। 
  8. प्रयागराज की फूलपुर सीट से प्रवीण पटेल विधायक थे। फूलपुर के सांसद बनने के बाद सीट खाली हो गई। 
  9. मिर्जापुर की मझवा सीट से विनोद कुमार बिंद विधायक थे। भदोही से सांसद बनने के बाद सीट खाली हुई।
  10. कानपुर की सीसामऊ से इरफान सोलंकी विधायक थे। इरफान सोलंकी को सात साल की जेल  हुई तो सीट खाली हो गई। अब इस सीट से इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी चुनाव लड़ेंगी।