CO Ziaul Haq murder case: उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ के कुंडा में सीओ जियाउल हक हत्याकांड मामले में बुधवार 9 अक्टूबर को सीबीआई की विशेष कोर्ट ने सभी 10 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने प्रत्येक दोषी पर 1 लाख 95 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह राशि मृतक जियाउल की पत्नी परवीन आजाद को दी जाएगी। 

आज मंगलवार को कचहरी परिसर में कड़ी सुरक्षा के बीच सीबीआई के विशेष न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार ने फूलचन्द्र यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, रामलखन गौतम, छोटे लाल यादव, राम आसरे, मुन्ना पटेल, शिवराम पासी और जगत बहादुर पटेल को हत्याकांड का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने सजा सुनाने के बाद सभी दोषियों को जेल भेज दिया। हत्याकांड में एक अन्य आरोपी सुधीर को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में 4 अक्टूबर को बरी कर दिया था। 

जमीन के विवाद पर गई थी पुलिस
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया था कि दो मार्च 2013 को शाम साढ़े 7 बजे जमीन के एक पुराने विवाद को लेकर प्रतापगढ़ कुंडा के बलीपुर गांव के प्रधान नन्हें यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना पर मृतक के समर्थकों की बड़ी संख्या उनके गांव पहुंच गई थी और उनके विरोधी कामता पाल के घर को आग के हवाले कर दिया था। सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची। 

पुलिस दल के साथ सीओ कुंडा जियाउल हक, तत्कालीन हथिगवां थाना प्रभारी मनोज कुमार शुक्ला और कुंडा थाना प्रभारी सर्वेश मिश्र घटनास्थल पर पहुंचे थे। मौके पर उग्र भीड़ ने पुलिस को घेर लिया। मौके पर सीओ ने भीड़ को समझाने का बहुत प्रयास किया परंतु उसी समय हुई झड़प में मृतक प्रधान नन्हें यादव के छोटे भाई सुरेश यादव की भी गोली लगने से मौत हो गई। इसके बाद भीड़ उग्र हो गई और पुलिस पुलिस दल भाग गया। 

जियाउल हक को किसने मारा?
इसके बाद उग्र भीड़ ने सीओ जियाउल हक को पकड़ लिया और उनकी पिटाई करने के बाद गोली मारकर उनकी निर्मम हत्या कर दी। मौके पर दोबारा पहुंचे पुलिस दल ने सीओ को तलाश की तो रात लगभग 11 बजे मृतक सीओ की लाश प्रधान के घर के पीछे मिली। 

इस तिहरे हत्या कांड को लेकर कुल चार प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। थाना प्रभारी हथिगवां मनोज शुक्ला ने पहली रिपोर्ट मृतक प्रधान नन्हे यादव के भाइयों और बेटे समेत दस लोगों के खिलाफ दर्ज कराई थी। दूसरी एफआईआर प्रधान नन्हें यादव और सुरेश यादव की हत्या को लेकर दर्ज कराई गई। मृतक सीओ की पत्नी परवीन आजाद द्वारा इस मामले में आखिरी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। 

सरकार ने सीबीआई को सौंपा था मामला
इस हत्याकांड की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन सरकार ने मामले को सीबीआई जांच के लिए सौंप दिया था। आज कोर्ट ने जब दोषियों को सजा सुनाई तो सभी जमानत पर चल रहे थे। सभी आरोपी आज  कोर्ट में हाजिर हुए, जहां से न्यायालय ने सभी दस आरोपियों को दोषी ठहराते हुए न्यायिक अभिरक्षा में लेते हुए जेल भेजने का आदेश दिया।