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UP Sanskrit Scholarship: यूपी सरकार की कैबिनेट मीटिंग में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति बढ़ाने का फैसला लिया है। कैबिनेट ने 24 साल बाद संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति बढ़ाई है।

UP Sanskrit Scholarship: उत्तर प्रदेश के संस्कृत स्कूलों और महाविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति बढ़ाने का फैसला लिया है। योगी कैबिनेट ने 24 साल बाद संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति बढ़ाई है।

24 साल बाद स्कॉलरशिप में हुआ इजाफा
प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने बताया कि मंत्रिमंडल ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर मंजूरी प्रदान की है। संस्कृत विद्यालय और महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए 2001 से लागू वर्तमान स्कॉलरशिप दरों में संशोधन करते हुए वृद्धि का प्रस्ताव कैबिनेट में स्वीकार किया गया है। साल 2001 में लागू हुई इस स्कॉलरशिप में 24 साल बाद यानी कि साल 2024 में बदलाव करने का निर्णय लिया है। 

इन कक्षाओं के छात्रों को मिलेगी इतनी राशि
माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कॉलरशिप के इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है, जिसमें कक्षा 6वीं, 7वीं के लिए 50 रुपये प्रतिमाह और कक्षा 8वीं के लिए 75 रुपये प्रतिमाह देने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही पूर्व माध्यमिक कक्षा यानी कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए हर महीने 100 रुपये देने का निर्णय लिया है। कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए 150 रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। वहीं शास्त्री के लिए 200 रुपये और आचार्य के लिए 250 रुपए प्रतिमाह की दर से मंत्री परिषद ने अनुमोदन किया है। 

स्कॉलरशिप के लिए आय सीमा खत्म
शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने बताया कि अब परिवार की वार्षिक आय का कैप भी हटा लिया गया है। पहले स्कॉलरशिप के लिए परिवार की आय अधिकतम 50 हजार रुपये सालाना होनी चाहिए थी। लेकिन अब इस स्कॉलरशिप के लिए किसी भी आय के छात्र इसका लाभ उठा सकते हैं।

नियमों में किए गए अहम बदलाव
पहले यह स्कॉलरशिप संस्कृत की शिक्षा लेने वाले 6वीं, 7वीं और 8वीं कक्षा के छात्रों को नहीं दी जाती थी। अब यह व्यवस्था कक्षा 6वीं और 7वीं, 8वीं के छात्रों के लिए भी कर दी गई है। इसके अलावा पहले संस्कृत शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए इसमें 50 हजार रुपये वार्षिक आय वाले ही स्कॉलरशिप का पात्र होते थे लेकिन अब इस शर्त को भी हटा दिया गया है। अब इसमें किसी भी वर्ग और आय के छात्र हिस्सा ले सकते हैं। इस छात्रवृत्ति का लाभ उत्तर प्रदेश के 517 संस्कृत विद्यालय के छात्र ले पाएंगे।

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