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पूर्वांचल में अपराध का पर्याय बन चुके एक लाख के इनामी हिस्ट्रीशीटर विनोद उपाध्याय को यूपी एसटीएफ ने मार गिराया। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए विशेष ऑपरेशन शुरू किया था। सुल्तानपुर में हुई मुठभेड़ में उसे गोली लगी और मृत्यु हो गई।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने  एक लाख के इनामी हिस्ट्रीशीटर विनोद उपाध्याय को मार दिया। विनोद प्रदेश के टॉप-61 माफिया की लिस्ट में शामिल था। अयोध्या के मायाबाजार रहने वाला था। उस पर तीन दर्जन से अधिक मामले दर्ज थे। 

यूपी एसटीएफ ने विनोद उपाध्याय को पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया था। इकसे लिए एक लाख रुपए ईनाम भी घोषित किया गया था। यूपी एसटीएफ की माफिया विनोद से मुठभेड़ सुबह साढ़े 7 बजे सुल्तानपुर जिले में हुई। एसटीएफ टीम का नेतृत्व डीएसपी दीपक सिंह ने किया।

संगठित गिराेह की मदद से कर चुके कई मर्डर 
एसटीएफ टीम का नेतृत्व डीएसपी दीपक सिंह ने किया। उनके नेतृत्व में यह मुठभेड़ सुबह साढ़े 5 बजे हुई है। विनोद अपना संगठित गिरोह बनाकर गोरखपुर, बस्ती, संतकबीर नगर और लखनऊ में कई सनसनीखेज हत्या की वारदातें कर चुका है। यूपी पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी।

बसपा से चुनाव लड़ा था चुनाव 
माफिया विनोद उपाध्याय की पूर्वांचल के कुछ जिलों में तूती बोलती थी। तमाम आपराधिक गतिविधियों के बावजूद उसकी क्षेत्र की सियासत में भी अच्छी खासी पैठ थी। 2007 में उसने बसपा के सिम्बल पर विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था। हालांकि, सफलता नहीं मिली।  

 

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