Uppsc topper success story: उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (UPPSC) ने 2023 परीक्षा के फाइनल रिजल्ट जारी कर दिए हैं। देवबंद के सिद्धार्थ गुप्ता को पहली रैंक और प्रयागराज के प्रेमशंकर पांडेय दूसरे स्थान पर हैं। टॉप-5 में इस बार सामान्य परिवार के विद्यार्थियों का दबदबा रहा है। जिन्होंने विपरीत हातलों का सामना करते हुए न सिर्फ अपनी पढ़ाई जारी रखी, बल्कि अफसर बनकर परिवार का मान बढ़ाया है। आइए जानते हैं, इनकी सफलता के राज।
सिद्धार्थ गुप्ता फर्स्ट रैंक (siddharth gupta)
सहारनपुर जिले के देवबंद में रहने वाले सिद्धार्थ गुप्ता के पिता राजेश गुप्ता गांव में किराना दुकान चलाते हैं। मां गृहिणी हैं। सिद्धार्थ अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं। देवबंद की दून वैली पब्लिक स्कूल से शुरूआती पढ़ाई और दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन के बाद सिद्धार्थ ने ग्रेजुएशन के बाद ही सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी थी। 2022 में उन्होंने PSS परीक्षा पास कर ली थी। तब उनका चयन नायब तहसीलदार पद के लिए हो गया था, लेकिन नौकरी की बजाय तैयारी जारी रखी और अब टॉप किया। उनकी एक बहन दिल्ली में कार्डियोलॉजिस्ट हैं और दूसरी बहन गृहिणी हैं।
प्रेम शंकर पांडेय (Prem Shankar Pandey)
यूपी पीएससी-2023 परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल करने वाले प्रेम शंकर पटेल प्रयागराज के रहने वाले हैं। उनके पिता नारायण पांडे बस में कंडक्टर हैं। इंटर पास करने के बाद वायु सेना सार्जेंट की नौकरी मिल गई, लेकिन मन नहीं लगा तो 2020 में इस्तीफा दे दिया। 2021 में समीक्षा अधिकारी की भर्ती में उनका चयन हो गया। प्रेम डिप्टी कलेक्टर बनना चाहते थे। इसलिए 2022 में पहली बार यूपी पीसीएस परीक्षा दी। उन्होंने मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण की और साक्षात्कार के लिए भी उपस्थित हुए लेकिन अंतत: अंतिम योग्यता सूची में जगह नहीं बना सके। इसके बाद उन्होंने अपनी गलतियों को सुधारा और एक बार फिर यूपी पीसीएस परीक्षा दी और इस बार उन्होंने पूरे प्रदेश में दूसरी रैंक हासिल की।
पवन पटेल 6वीं रैंक (Pawan Patel)
यूपी पीएससी 2023 में छठवीं रैंक लाने वाले पवन पटेल चित्रकूट से लगे उस पाठा क्षेत्र में रहते हैं, जो कभी डकैतों माना जाता था। पाठा का इलाका आज भी विकास और शैक्षणिक तौर पर बेहद पिछड़ा हुआ है, लेकिन पवन ने विपरीत हालातों में भी हार नहीं मानी। तमाम चुनौतियों से जूझते हुए न सिर्फ पढ़ाई जारी रखी, बल्कि पीएससी टॉप कर बदलाव की कहानी लिखी है। पवन 2022 में भी पीएससी परीक्षा पास कर ली थी। तब उनका डीएसपी पद पर चयन हुआ था। मुरादाबाद में पिछले 6 माह से उनकी ट्रेनिंग चल रही है। अब वह डिप्टी कलेक्टर बनेंगे। परिणाम आने के बाद से पवन के परिवार में उत्सव का महौल है।
निधि शुक्ला 8वीं रैंक (Nidhi Shukla)
अयोध्या की निधि शुक्ला को यूपी पीएससी में 8वीं रैंक मिली है। गर्ल्स प्रतिभागियों में उनकी दूसरी रैंक है। निधि ने अपनी सफलता का श्रेय दिवंगत पिता स्व संतोष शुक्ला को देती हैं। बताया कि उनकी प्रेरणा से ही मैं यहां तक पहुंची हूं। वह हमेशा मुझे एक अधिकारी के तौर पर देखना चाहते थे। अब एसडीएम बन गई तो पिता हमारे बीच नहीं हैं। मां मनोरमा शुक्ला ने कहा, निधि ने पिता सपना पूरा किया है। निधि की प्रारंभिक शिक्षा छत्तीसगढ़ से हुई है। जबकि, इंटर स्नातक परास्नातक अयोध्या से कंप्लीट किया। यह उनका दूसरा प्रयास था।
श्वेता मिश्रा, प्रतापगढ़ (Shweta Mishra)
प्रतापगढ़ की श्वेता मिश्रा ने लगातार दूसरी बार यूपी पीएससी की परीक्षा पास की है। हिंदी मीडियम से पढ़ी लिखीं श्वेता अब IAS अधिकारी बनना चाहती हैं। इस बार उनका चयन डिप्टी जेलर के पद के लिए हुआ है। सफलता का श्रेय पिता और दादा को दिया। कहा, हमारे यहां लड़कियों को बाहर भेजने का चलन नहीं था। लेकिन उन्होंने समाज की परवाह किए बिना मुझ पढ़ाई के लिए प्रयागराज भेजा, जिसकी बदौलत आज मैं इस मुकाम तक पहुंच पाई। श्वेता अभी वारणसी जिले में नायब तहसीलदार हैं। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे अन्य छात्रों को संदेश देते हुए श्वेता ने कहा कि लक्ष्य के प्रति समर्पण, लगन और मेहनत जरूरी है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप हिंदी मीडियम से हैं या फिर अंग्रेजी माध्यम से, विषय में समझ अच्छी होनी चाहिए।