UP Paper Leak: पेपर लीक की बढ़ती घटनाओं से यूपी सहित देशभर की सरकारें चिंतित हैं। ऐसी वारदातों के खिलाफ सख्त कानून भी बनाए गए, लेकिन आपेक्षित सफलता नहीं मिली। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) अब पेपर लीक की घटनाएं रोकने नियमों में बदलाव किया है। इसके अनुसार, हर प्रतियोगी परीक्षा के लिए प्रश्न-पत्र अब दो अलग-अलग प्रेस से छपवाए जाएंगे।
नए नियम के अनुसार, प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्न-पत्र चार सेट में प्रकाशित होंगे, लेकिन एक प्रिंटिंग प्रेस में दो सेट से ज्यादा प्रश्न-पत्र नहीं छपवाए जाएंगे। इसके लिए नियमों में बदलाव की तैयारी है। पिछली कैबिनेट बैठक में यूपीपीएससी के अफससरों ने इस संबंध में प्रस्तुतिकरण भी दिया है।
शिक्षा माफिया, तस्करों और प्रेस कर्मचारियों का गठजोड़
- उत्तर प्रदेश में अब तक हुई वारदातों का विश्लेषण करने पर पता चला कि पेपर लीक की ज्यादातर घटनाएं प्रिंटिंग प्रेस के स्तर से हुई हैं। शिक्षा माफिया तस्करों और प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारियों को सेट कर प्रश्नपत्रों की गोपनीयता भंग करते थे। इसे लेकर हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं।
- अफसरों ने दावा किया कि एक प्रेस में दो सेट तैयार होने से प्रश्न पत्र लीक होने की आशंका काफी कम हो जाएगी। गड़बड़ी की आशंका पर परीक्षा शुरू होने तक प्रश्नपत्र बदलने का विकल्प मौजूद रहेगा।
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सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में ही छपें प्रश्न पत्र
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग सभी प्रश्न-पत्र सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में ही छपवाने पर विचार कर रहा है। लखनऊ और प्रयागराज में एक-एक सरकारी प्रिंटिंग प्रेस हैं। जिनकी क्षमता और गुणवत्ता में वृद्धि कर प्रश्न-पत्रों का प्रकाशन कराया जा सकता है।
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