Adityanath's Statement: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि देश में जो भी सच बोलता है, उसे महाभियोग की धमकी देकर डराने की कोशिश की जाती है। उन्होंने शनिवार को यह टिप्पणी राज्यसभा सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए महाभियोग प्रस्तावों पर की।
विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जो भी सच बोलता है, ये लोग (विपक्ष) उसे महाभियोग की धमकी देते हैं और फिर संविधान की बात करते हैं। उनके इस दोहरे मापदंड को पूरा देश देख रहा है।” मुख्यमंत्री ने जस्टिस शेखर यादव का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने समान नागरिक संहिता (UCC) की बात कही और यह बताया कि पूरी दुनिया में बहुसंख्यक समुदाय की भावनाओं का सम्मान होता है। उन्होंने सवाल किया, “अगर किसी ने ऐसा विचार व्यक्त किया तो यह अपराध कैसे हो गया? क्या देश में समान नागरिक संहिता लागू नहीं होनी चाहिए?”
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का समर्थन
योगी आदित्यनाथ ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को किसान के बेटे पर हमला बताया। उन्होंने कहा, “राज्यसभा के सभापति के तौर पर उपराष्ट्रपति धनखड़ अपने कर्तव्यों का पूरी निष्पक्षता से पालन कर रहे हैं। विपक्ष को यह सहन नहीं हो रहा कि एक किसान का बेटा इतनी ऊंची जिम्मेदारी निभा रहा है। जो लोग सच्चाई और देशहित की बात करते हैं, उन्हें ये लोग दबाने की कोशिश करते हैं।”
सीएम योगी का कांग्रेस पर तीखा हमला
योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि संविधान का गला घोंटना कांग्रेस की पुरानी आदत है। उन्होंने कहा, “ये लोग संविधान की दुहाई देते हैं, लेकिन जब कोई सच बोलता है या संविधान के अनुरूप काम करता है, तो उसे महाभियोग की धमकी देकर चुप कराने की कोशिश करते हैं।"
महाभियोग प्रस्ताव की पृष्ठभूमि
1. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ
विपक्षी गठबंधन INDIA ने उपराष्ट्रपति पर आरोप लगाया कि उन्होंने राज्यसभा के सभापति के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए एनडीए का पक्ष लिया।
2. जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यादव ने समान नागरिक संहिता की आवश्यकता पर जोर दिया था, जिसे लेकर विपक्ष ने उन्हें निशाना बनाया और उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की मांग उठाई।
संविधान और सुधारों की जरूरत पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को ऐसे नेताओं और न्यायपालिका की जरूरत है जो दबाव में आए बिना सच्चाई और सुधारों की वकालत करें। उन्होंने समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दों को लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की बात कही।