Char Dham Yatra 2024: देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है। पहले दिन अकेले केदारनाथ मंदिर में 29 हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। शुक्रवार को 2 तीर्थयात्रियों के निधन की भी खबर है। शनिवार को दूसरे दिन भी मंदिरों में खासी भीड़ रही। बाारिश और भू-स्खलन के चलते कुछ देर यात्रा रोकनी पड़ी। इसके बाद जैसे ही प्रतिबंध बैरीकेडिंग हटाई श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग गई। ट्रैफिक दबाव को देखते हुए पुलिस ने चारधाम यात्रा के एडवाजरी जारी की है।
भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक, इन रास्तों से जा सकेंगे श्रद्धालु
- ऋषिकेश से गंगोत्री धाम जाने वाले श्रद्धालु नरेंद्रनगर, चंबा, धरासू बैंड, उत्तरकाशी, गंगोरी, भटवाड़ी और हर्षिल होते हुए गंगोत्री पहुंचेंगे।
- ऋषिकेश से यमुनोत्री की ओर जाने वाले श्रद्धालु नरेंद्रनगर, चंबा, धरासू बैंड, ब्रह्मखाल और राडी टॉप से होते हुए जानकीचट्टी का रास्ता पकड़कर दोबाटा पहुंचेंगे।
- देहरादून से यमुनोत्री के लिए तीर्थयात्रियों को देहरादून, डामटा, नौगांव, बड़कोट, दोबाटा और जानकीचट्टी से होकर जाना होगा।
- यमुनोत्री से गंगोत्री के लिए तीर्थयात्री जानकीचट्टी, दोबाटा, राडी टॉप, ब्रह्मखाल, धरासू बैंड, उत्तरकाशी, गंगोरी, भटवाड़ी और हर्षिल होते हुए गंगोत्री पहुंचें।
- गंगोत्री से केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम जाने के लिए हर्षिल, भटवाड़ी, गंगोरी, तेखला, मांडो, मानपुर, चौरंगी, लंबगांव और श्रीनगर जाएं।
- गंगोत्री से ऋषिकेश आने वाले वाहन मांडो, जोशियाड़ा, मनेरा, बडेथी, मटाली और धरासू मार्ग से जाएंगे। ताकि, हर्षिल, भटवाड़ी, गंगोत्री और तेखला पुल पर जोर न पड़े।
- शहरी क्षेत्रों में सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक भारी मालवाहकों का प्रवेश प्रतिबंधित होगा।
सिरोबगढ़ के पास रोकना पड़ा यातायात
उत्तराखंड के चमोली जिले में पीपल कोठी क्षेत्र के पास बारिश हुई। बारिश के बाद रुद्रप्रयाग और पौड़ी की सीमा पर सिरोबगढ़ के पास भूस्खलन की समस्या हुई, जिसके बाद कुछ देर यातायात अवरुद्ध रहा। हालांकि, प्रशासन से समन्वय बनाकर रूद्रप्रयाग पुलिस बाद में बारी-बारी से वन-वे यातायात बहाल किया, लेकिन यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ा।