Char dham Yatra 2024: चार धाम यानी केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री की यात्रा लोगों के लिए आस्था का विषय है, लेकिन कुछ लोग यहां एडवेंचर के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे मे बुजुर्गों के साथ युवाओं का तांता लगा है। ब्लॉगर्स और वीडियो कंटेंट क्रिएटर्स का भी जमावड़ा है। ऐसे में आम श्रद्धालुओं को असुविधा हो रही है। इसका उत्तराखंड प्रशासन ने कड़ा संज्ञान लिया है।
उत्तराखंड सरकार ने गुरुवार (16 मई) को भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए मई महीने के बाकी दिनों में चार धामों में वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। साथ ही मंदिर परिसर के 50 मीटर के दायरे में रील्स बनाने पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया है।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि 31 मई (शुक्रवार) तक चार धामों में अति महत्वपूर्ण व्यक्ति (VIP) दर्शन की कोई व्यवस्था नहीं होगी और हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई (रविवार) तक बंद रहेगा।
सोशल मीडिया के लिए रील बनाने पर रोक
उन्होंने कहा कि मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में वीडियोग्राफी और सोशल मीडिया रील बनाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। रतूड़ी ने कहा कि कुछ तीर्थयात्रियों द्वारा मंदिरों के परिसर में वीडियोग्राफी की जा रही है और रील बनाई जा रही है, जिसके कारण लोग एक स्थान पर इकट्ठा होते हैं, जिससे असुविधा होती है।
6 दिनों में 3 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे
चार धाम यात्रा 10 मई (शुक्रवार) को शुरू हुई। तीर्थयात्रा के पहले छह दिनों में बुधवार (15 मई) तक भारत और विदेश से 3,34,732 लोग पूजा-अर्चना करने के लिए मंदिरों में आ चुके हैं। यात्रा के लिए पंजीकरण 25 अप्रैल से शुरू हुआ था और गुरुवार शाम तक 27 लाख से अधिक श्रद्धालु इसके लिए पंजीकरण करा चुके थे।
श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
30 अप्रैल को अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे गए पहले पत्र के अनुसार 25 मई तक मंदिरों में वीआईपी दर्शन की अनुमति नहीं दी जानी थी। यात्रा के लिए पूर्व पंजीकरण अनिवार्य है और भक्त केवल धामों में ही दर्शन कर सकते हैं। रतूड़ी ने कहा कि पंजीकरण के समय उन्हें तारीखें आवंटित की गईं।
अब तक 11 यात्रियों की मौत
मुख्य सचिव ने कहा कि जिन बुजुर्ग श्रद्धालुओं को कोई स्वास्थ्य समस्या है, उन्हें यात्रा शुरू करने से पहले अपना परीक्षण करवाना चाहिए और उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्ग पर 44 विशेषज्ञों सहित 184 डॉक्टरों को तैनात किया है। राज्य सरकार के अनुसार, यात्रा शुरु होने के पहले पांच दिनों में 11 तीर्थयात्रियों की मौत हुई है। मृतकों में अधिकतर बुजुर्ग हैं।