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Uttarakhand Uniform Civil Code Bill: सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने शुक्रवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी को ड्राफ्ट सौंपा था। सीएम ने कहा कि लंबे समय से इस ड्राफ्ट का इंतजार था। यह हमारा वादा था, जो जल्द पूरा होने वाला है।

Uttarakhand Uniform Civil Code Bill: उत्तराखंड में जल्द समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू हो सकता है। शनिवार की शाम 4 बजे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट मीटिंग में इसे मंजूरी मिलेगी। इसमें 400 से अधिक धाराएं हैं, जो सभी धर्मों पर समान रूप से लागू होगी। अदालतों में न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी बंधी देखी होगी आपने, लेकिन उत्तराखंड UCC में पट्टी को हटा दिया गया है। 

उत्तराखंड का यूसीसी विधेयक 2024 बहुविवाह पर प्रतिबंध लगा सकता है। विवाह की उम्र तय हो सकती है। पुरुषों और महिलाओं को पुश्तैनी संपत्ति में बराबर का हक मिलेगा। हालांकि जनजातीय समुदायों को छूट दी जा सकती है। 

सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने शुक्रवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी को ड्राफ्ट सौंपा था। सीएम ने कहा कि लंबे समय से इस ड्राफ्ट का इंतजार था। यह हमारा वादा था, जो जल्द पूरा होने वाला है। धामी ने कहा कि छह फरवरी को विधानसभा में पेश करने से पहले यूसीसी मसौदे की जांच, अध्ययन और चर्चा की जाएगी।

Uttarakhand Uniform Civil Code Bill
Uttarakhand Uniform Civil Code Bill

उत्तराखंड में UCC कब लागू होगा? 
यूसीसी पर कानून पारित करने के लिए विधानसभा का चार दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है। यह सत्र 5-8 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान बिल को सदन के पटल पर रखा जाएगा। फिर विधानसभा से पास होने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल के साइन करते ही यह कानून बन जाएगा। 
यदि कानून लागू हुआ आजादी के बाद भारत में समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला प्रदेश उत्तराखंड हो जाएगा। गोवा में यह कानून पहले से लागू हैं, लेकिन आजादी से पहले इसे प्रावधान में लाया गया था। 

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  • उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता विधेयक से बहुविवाह पर प्रतिबंध लगा सकता है।
  • इस विधेयक से सभी धर्मों में पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए विवाह की आयु तय करने की उम्मीद है।
  • राज्य की आबादी का 2.9% हिस्सा बनाने वाले आदिवासी समुदायों को उत्तराखंड में यूसीसी विधेयक के दायरे से छूट दी जा सकती है।
  • प्रस्तावित बिल में बच्चों की संख्या में एकरूपता समेत जनसंख्या नियंत्रण के उपाय हैं।
  • विरासत से संबंधित मुद्दों में पुरुषों और महिलाओं को बराबरी का हक मिलेगा।
  • यूसीसी द्वारा लिव-इन संबंधों का पुलिस रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। मां-बाप को भी जानकारी देनी होगी।
  • यूसीसी राज्य में सभी नागरिकों के लिए एक समान विवाह, तलाक, भूमि और संपत्ति के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करेगा, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।
  • यूसीसी पैनल को 2.33 लाख लिखित सुझाव प्राप्त हुए और 60 से अधिक बैठकें हुईं। जिनमें सदस्यों ने लगभग 60,000 लोगों के साथ बातचीत की।
  • इसके लागू होने पर उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी अपनाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। यह पुर्तगाली शासन के दिनों से ही गोवा में चालू है।
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