Hiring Stopped In IT Sector In India: साल 2023 की शुरुआत से ही आर्थिक मंदी के कारण टेक्नोलॉजी जगत में सुनामी आई, जिसकी वजह से हजारों लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी। FAANG कंपनियों - फेसबुक, अमेज़न, एप्पल, नेटफ्लिक्स और अल्फाबेट ने दुनिया भर में हजारों कर्मचारियों की छंटनी की, जिसमें भारत के ऑफिस भी शामिल हैं. यहां भी हजारों लोगों की जॉब चली गई. अब साल खत्म होने को है, लेकिन यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
रिपोर्ट में हुआ खुलासा
हाल ही में इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट सामने आई है, जो नौकरियों के मामले में चिंताजनक स्थिति की ओर इशारा करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में बड़ी-बड़ी टेक कंपनियां भर्ती रोक रही हैं। रिपोर्ट का कहना है कि ये कंपनियां फिलहाल सिर्फ जरूरी पदों पर ही भर्ती करेंगी। इसके अलावा बाकी भर्तियां रोक दी जाएंगी। आइए आपको बताते हैं कंपनियां भर्तियां क्यों रोक रही हैं ?
ये वजहें चर्चा में
1. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट, स्टाफिंग फर्म Xpheno के डेटा के आधार पर बताती है कि बड़ी टेक कंपनियां वैश्विक मंदी के चलते भारत में भर्तियां रोक रही हैं। इन कंपनियों के एक्टिव जॉब पोस्टिंग्स में भारी गिरावट आई है। यह पिछले साल की तुलना में 90% कम है। फिलहाल, इन कंपनियों के पास भारत में सिर्फ 200 पद खाली हैं।
2. बड़ी टेक कंपनियों में हायरिंग फ्रीज होना इस बात का संकेत है कि ये कंपनियां मुश्किलों का सामना कर रही हैं। ये कंपनियां रेवेन्यू बढ़ाने, रिस्ट्रक्चरिंग करने और प्रोजेक्ट गतिविधि धीमी होने से निपटने के लिए जूझ रही हैं।
3. Xpheno के वर्कफोर्स रिसर्च हेड प्रसाद एमएस ने रिपोर्ट में बताया कि "पूरे साल बड़ी टेक कंपनियों में हायरिंग फ्रीज होने की वजह से टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में असर जारी रहेगा। खासकर अनुभवी लैटरल हायर पर। उन्होंने ये भी चेताया कि बड़ी कंपनियों का ये सतर्क रवैया छोटे उद्यमों के लिए खतरे की घंटी है। उन्होंने कहा कि 'मौजूदा स्टाफ स्तर को बनाए रखने के लिए भी रिप्लेसमेंट हायरिंग की जरूरत होती है, क्योंकि नेट टैलेंट एडिशन लगभग न के बराबर हैं'।
4. IT विश्लेषकों और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगले दो तिमाहियों में भी हायरिंग धीमी ही रहेगी। मंदी ने टेक्नोलॉजी सेक्टर को बुरी तरह प्रभावित किया है। इससे हायरिंग में गिरावट आई है। दिसंबर 2022 तक बड़ी कंपनियों की एक्टिव डिमांड जुलाई की तुलना में 78% कम हो गई थी, जो 1.5 साल में सबसे निचला स्तर है।
5. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि दुनिया भर में एक्टिव लिस्टेड ओपनिंग की कुल संख्या फिलहाल 30,000 से कम है, जिसमें बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां और उनकी सहयोगी कंपनियां शामिल हैं। माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न और गूगल समेत बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों ने दुनिया भर में लाखों जॉब के अवसर कम किए हैं।