जन्म से अंधे लोग भी देख सकेंगे: Elon Musk की कंपनी न्यूरालिंक के 'Blindsight ' डिवाइस को मंजूरी, जानें कैसे काम करेगा

Neuralink Blindsight Device
X
Neuralink Blindsight Device
न्यूरालिंक के 'ब्लाइंडसाइट' डिवाइस को FDA से मंजूरी मिल गई है। कंपनी का दावा है कि इस डिवाइस की मदद से जन्म से अंधे लोग भी देख सकेंंगे। जानें कैसे करता है काम

Neuralink Blindsight Device: एलन मस्क की ब्रेन-चिप स्टार्टअप कंपनी न्यूरालिंक को अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (FDA) से एक खास इम्प्लांट डिवाइस के लिए मंजूरी मिल गई है। इस डिवाइस का नाम 'ब्लाइंडसाइट' है, और यह उन लोगों के लिए आशा की किरण साबित हो सकता है जिन्होंने अपनी आंखें और ऑप्टिक नर्व खो दी हैं। एलन मस्क ने बताया कि इस डिवाइस की मदद से जन्म से अंधे लोग भी पहली बार देख सकेंगे, बशर्ते उनके मस्तिष्क का विजुअल कॉर्टेक्स ठीक हो।

जन्म से अंधे लोगों भी देख सकेंगे दुनिया
एलन मस्क ने अपने ट्वीट में बताया कि 'ब्लाइंडसाइट' डिवाइस ऐसे लोगों के लिए है जिन्होंने अपनी दोनों आंखें खो दी हैं। यहां तक कि अगर किसी की ऑप्टिक नर्व भी डैमेज हो चुकी है, तो भी यह डिवाइस उन्हें देखने में मदद करेगा। अगर मस्तिष्क का विजुअल कॉर्टेक्स ठीक है, तो यह डिवाइस जन्म से अंधे लोगों को भी देखने का अनुभव प्रदान कर सकता है।

शुरुआत में होगी लो-रिजोल्यूशन विजन
मस्क ने यह भी बताया कि शुरुआत में यह विजन लो-रिज़ोल्यूशन में होगी, ठीक वैसे ही जैसे पुराने वीडियो गेम्स में होते। उन्होंने मजाक में इसे 'अटारी ग्राफिक्स' जैसा बताया। लेकिन धीरे-धीरे यह तकनीक नेचुरल विजन से बेहतर हो सकती है और इसके जरिए व्यक्ति इन्फ्रारेड, अल्ट्रावायलेट और यहां तक कि रडार तरंगों को भी देख सकेगा।

स्टार ट्रेक के कैरेक्टर से की तुलना
मस्क ने अपने ट्वीट में 'स्टार ट्रेक' मूवी के एक कैरेक्टर जियोर्डी ला फोर्ज की फोटो भी पोस्ट की। इस कैरेक्टर का जन्म अंधेपन के साथ हुआ था, लेकिन तकनीकी उपकरणों की मदद से वह देख सकता था। मस्क ने इस तुलना के जरिए दिखाया कि भविष्य में 'ब्लाइंडसाइट' तकनीक कितनी प्रभावी हो सकती है। मस्क ने कहा कि यह आंखों की रौशनी लौटाने में एक क्रांति ला सकता है।

FDA ने दिया ब्रेकथ्रू डिवाइस का दर्जा
FDA ने न्यूरलिंक के 'ब्लाइंडसाइट' डिवाइस को ब्रेकथ्रू डिवाइस डिजिग्नेशन का दर्जा दिया है। यह दर्जा उन मेडिकल डिवाइस को दिया जाता है जो जानलेवा बीमारियों के इलाज या में मदद करते हैं। FDA से मंजूरी मिलने के बाद न्यूरालिंक अपने ब्लाइंडसाइट डिवाइस के डेवलपमेंट में और भी तेजी लाएगी। बता दें कि कुछ चरणों में न्यूरालिंक की टेस्टिंग हो गई है।

मस्क का अगला बड़ा कदम
इस डिवाइस की घोषणा के साथ ही, मस्क ने यह भी कहा कि न्यूरालिंक इस साल आठ और मरीजों के दिमाग में चिप इम्प्लांट करने की योजना बना रहा है। ये इम्प्लांट्स उन मरीजों को डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल सिर्फ सोचकर करने में मदद करेंगे, जो लकवाग्रस्त हैं। मस्क की यह पहल एक और क्रांतिकारी कदम है जो चिकित्सा जगत में नई उम्मीदें लेकर आ रही है।

अब जानें कैसे काम करता है ब्लाइंडसाइट
न्यूरालिंक की ब्लाइंडसाइट डिवाइस ब्रेन और बाहरी उपकरणों के बीच कम्युनिकेशन पर बेस्ड है। यह ब्रेन-चिप विजुअल सिग्नल्स पैदा करेगा, जो ब्रेन के उन हिस्सों को एक्टिवेट करेगा, जो सामान्य रूप से किसी भी इंसान के देखने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

कैसे काम करेगी न्यूरालिंक की ब्रेन-चिप?
न्यूरालिंक की यह चिप ब्रेन में एक छोटे इम्प्लांट के रूप में लगाई जाएगी। यह इम्प्लांट ब्रेन की गतिविधियों को पढ़ने और उस पर रिएक्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। ब्रेन-चिप बाहरी कैमरों या दूसरे सेंसर्स से डेटा जुटाएगी और इसे ब्रेन में भेजेगी। इस प्रोसेस से अंधे लोग विज़ुअल सिग्नल्स प्राप्त करेंगे और अपने आसपास की दुनिया को देख सकेंगे।

अंधे लोगों के जीवन में आएगा बड़ा बदलाव
इस डिवाइस के आने से अंधे लोगों की जीवन गुणवत्ता में काफी सुधार हो सकता है। यह तकनीक उन लोगों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आई है, जो जन्म से ही अंधे हैं। मस्क ने दावा किया है कि यह डिवाइस ऐसे लोगों को भी देखने की क्षमता देगी, जिनके दोनों आंखें और ऑप्टिक नर्व पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं। इसके लिए सिर्फ ब्रेन के विजुअल कॉर्टेक्स का स्वस्थ्य होना चाहिए।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story