Summer Cooler: भीषण गर्मी का समय चल रहा है। नौतपा की शुरुआत होने वाली है। देश के कई क्षेत्रों में पारा 45 डिग्री के पार चला गया है। गर्म लू भी चल रही है। ऐसे में कूलर की ठंडक भी कम हो गई है। गर्मी का सितम ऐसा कि पंखे और कूलर का असर भी नहीं हो रहा है। लोग कूलर की पुरानी घास को बदल रहे हैं, ताकि कूलर की कूलिंग बढ़ाई जा सके।
अगर आप भी अपने कूलर की घास बदलने की सोच रहे हैं और इस भ्रम में हैं कि कौन सी घास कूलर में लगाए ताकि ठंडी हवा मिले। दरअसल, आमतौर पर कूलर में हनीकॉम्ब (Honeycomb) पैड और नार्मल घास उपयोग की जाती है। जानिए इन दोनों घास के बारे में...।
हनीकॉम्ब पैड कैसी होती है
हनीकॉम्ब पैड इसके नाम के जैसी ही दिखती है। सेलूलोज का बना यह मैटेरियल लंबे समय तक पानी सोख सकता है। यानी अगर आपने कूलर का पानी बंद भी कर दिया तो भी यह हवा को ठंडा करता रहेगा। यह बाहर से आने वाली हवा को जल्दी ठंडा भी कर देता है और इसमें से होकर ज्यादा मात्रा में हवा पास भी हो जाती है।
नॉर्मल घास का फायदा
कूलर में लगने वाली घास लकड़ी के पतले-पतले छिलके से बनती है। यह घास काफी घनी और मुलायम होती है। इस घास की खासियत होती है कि यह पानी जल्दी सोख लेती है। बारिक छेद होने से इसमें बाहर से आने वाली हवा वापस नहीं हो पाती है। दूसरा इस घास में पानी तेजी से बहता है, जिससे अच्छी कूलिंग मिलती है।
हनीकॉम्ब या नॉर्मल घास, किसे चुनें
कूलर के एक्सपर्ट बताते हैं कि कम गर्मी में हनीकॉम्ब का उपयोग सही रहता है। यह लंबे समय तक चलता है, लेकिन गर्मी तेज हो तो नार्मल घास बेहतर रहती है, क्योंकि हनीकॉम्ब पैड में बड़े-बड़े छेद होते हैं। इसमें से गर्म हवा भी पास हो जाती है, जबकि सामान्य घास में कम जगह होने से इसमें सिर्फ ठंडी हवा ही कूलर के अंदर पहुंच पाती है। इससे कूलर कमरे में जल्दी ठंडा कर देता है।