Supersonic Missile Assisted Release of Torpedo System: भारतीय नौसेना की समंदर में ताकत और बढ़ गई है। ओडिशा के बालासोर के तट पर बुधवार, एक मई को अपनी स्वदेशी सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (SMART) पनडुब्बी रोधी मिसाइल सिस्टम का सफलतापूर्वक टेस्ट किया गया। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिस्टम देश की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं में एक बड़ा मील का पत्थर है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय नौसेना के लिए सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो सिस्टम तैयार किया है। इसमें एक सुपरसोनिक मिसाइल शामिल है, जो 650 किमी दूर दुश्मन की पनडुब्बियों के खिलाफ टॉरपीडो को सटीक रूप से लॉन्च कर सकती है।
तय गहराई पर जाकर किया वार
स्मार्ट मिसाइल को एक ग्राउंड लॉन्चर से दागा गया और पानी की सतह से लगभग 30 मीटर ऊपर टारपीडो को छोड़ने से पहले सुपरसोनिक गति से यात्रा करते हुए इसकी पूरी रेंज को कवर किया गया। इसके बाद टॉरपीडो ने निर्धारित गहराई पर लक्ष्य पर अंतिम हमला किया।
रक्षा अधिकारियों ने परीक्षण को देश की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता के लिए एक बड़ी सफलता बताया। स्मार्ट प्रणाली भारतीय पनडुब्बियों और सतह के जहाजों को लंबी दूरी पर पनडुब्बियों पर सटीक हमला आसान बनाएगी। इससे पानी के भीतर खतरों के खिलाफ नौसेना की घातकता में काफी वृद्धि हुई है।
India has successfully carried out trials of the Supersonic Missile Assisted Release of Torpedo anti-submarine missile system off the coast of Balasore, Odisha. The missile system is being developed for the Indian Navy by the Defence Research and Development Organisation: Defence… pic.twitter.com/DSljcriG8Q
— ANI (@ANI) May 1, 2024
DRDL और NSTL के सहयोग से तैयार हुआ सिस्टम
स्मार्ट सिस्टम को हैदराबाद स्थित रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (DRDL) और विशाखापत्तनम स्थित नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (NSTL) सहित डीआरडीओ प्रयोगशालाओं द्वारा संयुक्त रूप से कई सालों की मेहनत से बनाया गया है।
स्मार्ट सिस्टम को मान्यता मिलने के बाद भारतीय नौसेना की फ्रंट-लाइन पनडुब्बियों और सतह के युद्धपोतों में शामिल करने के लिए इसका उत्पादन किया जाएगा। जिससे भारत की समुद्री बल प्रक्षेपण क्षमताओं में काफी वृद्धि होगी।
क्या है स्मार्ट?
स्मार्ट एक तरह की एंटी शिप मिसाइल होती है। जिसमें कम वजन का एक टॉरपीडो लगाया जाता है। इस टॉरपीडो का इस्तेमाल पेलोड की तरह होता है। इन दोनों की ताकत से ये एक एंटी सबमरीन मिसाइल बन जाती है। इससे मिसाइल को ताकत मिलती ही है, साथ ही टॉरपीडो की मदद से इसमें पनडुब्बी को ध्वस्त करने की ताकत भी आ जाती है।
भारत के पास पहले से वरुणास्त्र
देश के पास वरुणास्त्र नाम से एक एंटी सबमरीन टॉरपीडो है। यह जीपीएस की मदद से दुश्मन की पनडुब्बी को निशाना बनाने की ताकत रखता है। स्मार्ट सिस्टम वरुणास्त्र से हल्का है।