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GSAT-N2 Satellite: इसरो जल्द एक सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजेगा, जो ब्रॉडबैंड कनेक्शन और इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी। इसका मतलब है कि अब फ्लाइट में उड़ान के दौरान भी आसानी से कॉम्युनेकेशन किया जा सकेगा।

GSAT-N2 Satellite: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) जल्द एक सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजेगा, जिससे देश में ब्रॉडबैंड कनेक्शन और इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी और बेहतर होगी। इसका मतलब है कि अब उड़ान के दौरान भी आसानी से कम्युनेकेशन किया जा सकेगा।

इसरो के लिए प्राइवेट और सरकारी सैटेलाइट लॉन्च डील करने वाली न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) की ये दूसरी डिमांड-ड्रिवेन सैटेलाइट मिशन है। इस सैटेलाइट का नाम जीसैट-एन2. (पुराना नाम जीसैट-20) है। यह Ka-Band का कम्युनिकेशन सैटेलाइट है।

अंतरिक्ष में 14 साल तक काम करेगा सैटेलाइट
इस सैटेलाइट का वजन 4700 किलोग्राम है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह अंतरिक्ष में करीब 14 साल तक काम करेगा। इसमें 32 स्पॉट बीम्स हैं, जो किसी भी खास भौगोलिक इलाके में सिग्नल ट्रांसमिट कर सकते हैं। ​​​​​​​इस सैटेलाइट के लॉन्च होने से देश के लगभग हर इलाकों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंच जाएगा।  

इनमें से 8 नैरो बीम हैं, जो उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए हैं। बाकी 24 बीम्स देश के बाकी हिस्सों के लिए हैं। ये 32 बीम्स सैटेलाइट में लगे 2.5 मीटर के रिफ्लेक्टर के जरिए ट्रांसमिट किए जाएंगे। केए बैंड कम्यूनिकेशन पेलोड लगातार 48 जीबीपीएस का थ्रोपुट करेगा। यह सैटेलाइट सभी रॉकेटों के जरिए लॉन्च किया जा सकता है।

GSAT-N2 को एलन मस्क की कंपनी करेगी लॉन्च
आपको बता दें कि इसरो ने इस सैटेलाइट को तैयार किया है, लेकिन इसकी लॉन्चिंग के लिए एलन मस्क की कंपनी SpaceX से साझेदारी की है। GSAT-N2 सैटेलाइट को भारत से जहाज के जरिए अमेरिका ले जाया जाएगा, जहां इसे SpaceX के फॉल्कन-9 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। वर्तमान में इसकी टेस्टिंग हो रही है, एक बार टेस्ट पूरा होने के बाद इसे अंतरिक्ष में लॉन्च किया जाएगा। संभावना है कि इसकी लॉन्चिंग अगले एक दो महीने में हो सकता है।

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