Periscopic Lens: पेरिस्कोपिक लेंस का उपयोग मोबाइल कैमरे में होता है। इससे फोटो की क्वालिटी बेहतर हो जाती है। इस तरह के लेंस को कैमरे के बाहर तक निकाला जा सकता है। इसकी विशेषता होती है कि इसे 100x तक जूम किया जा सकता है। इस लैंस से DSLR कैमरे जैसी फोटो खींची जा सकती है। आइए आपको बताते हैं।
क्या है पेरिस्कोप लेंस?
पेरिस्कोप लेंस में दूर की चीजों के देखने के लिए एक ट्यूब के दोनों सिरे 45 डिग्री पर एक कांच लगाया जाता है। इसी तकनीक का इस्तेमाल फोन में किया जाता है, जिससे फोन सेंसर पर ज्यादा लाइट आती है। इसके दो फायदे हैं - एक ज्यादा लाइट आने की वजह से फोटो की क्वॉलिटी काफी बेहतर हो जाती है। साथ दूसरा फायदा यह है कि DSLR कैमरे में ज्यादा लाइट के लिए लेंस को बाहर निकाला जा सकता हैं। लेकिन फोन में ऐसा नहीं किया जा सकता है। इसके लिए पेरिस्कोपिक लेंस का सहारा लिया जाता है। ऐसे में मोटाई बढ़ाए बिना फोन के कैमरे में 100x तक जूम दिया जाता है। आज के वक्त में सैमसंग, वीवो और आईक्यू जैसे स्मार्टफोन अपने फ्लैगशिप स्मार्टफोन 100x तक जूम देते हैं।
कैसे हुआ पेरिस्कोपिक लेंस का अविष्कार
पेरिस्कोप शब्द का इस्तेमाल पनडुब्बियों में किया जाता है। जहां प्रकाश की किरणों को 90 डिग्री पर मोड़ा जाता था। इसमें 45 डिग्री पर दो मिरर लगाकर लाइट को 90 डिग्री पर परावर्तित किया जाता है। बता दें कि ओप्पो पहली ऐसी कंपनी थी, जिसने पहली बार फोन में पेरिस्कोपिक लेंस का इस्तेमाल किया था। ओप्पो ने साल 2017 में मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस यानी MWC में 5x ड्यूल कैमरा जूम टेक्नोलॉजी पेश की थी।