भारत सरकार को ऐसे यूजर्स का पर्सनल डेटा स्थायी रूप से हटाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की आवश्यकता हो सकती है जो लगातार तीन सालों से अपने अकाउंट का उपयोग नहीं कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, अगर किसी यूजर ने तीन साल से अकाउंट ओपन नहीं किया है तो उस अकाउंट पर कार्रवाई हो सकती है। कोई यूजर सोशल मीडिया पर लंबे समय से एक्टिव नहीं है तो ऐसे अकाउंट पर भारत सरकार की कड़ी निगाह है। यही नहीं इन अकाउंट्स पर कार्रवाई भी हो सकती है।
'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार को ऐसे यूजर्स के पर्सनल डेटा को परमानेंट डिलीट करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की आवश्यकता हो सकती है। किसी यूजर ने तीन साल से अपना अकाउंट ओपन नहीं किया है तो उस अकाउंट पर कार्रवाई हो सकती है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लागू हो सकता है नया नियम
ये DPDP एक्ट का ही पार्ट है। इस नियम को सोशल मीडिया को लेकर ही अगस्त में बनाया गया था। इस पर एक्शन प्लान बनाया जा रहा है। इस नियम को ई-कॉमर्स कंपनी, ऑनलाइन मार्केट प्लेस, गेमिंग कंपनी और सभी सोशल मीडिया कंपनी पर भी लागू किया जा सकता है। इससे पता चल सकता है कि भारत में कितने यूजर्स हैं। अगस्त में अधिसूचित किए गए एक कानून को चलाने के लिए कम से कम 25 नियम बनाने होंगे। सरकार को यह भी अधिकार दिया गया है कि वह किसी भी प्रावधान के लिए अतिरिक्त नियम बना सके, जिसे वह जरूरी समझे। इस कानून में से एक नियम बच्चों की उम्र वेरिफाई करने का है, ताकि वो ऑनलाइन चीजें इस्तेमाल नहीं कर सकें।
नियम के मुताबिक, कंपनियों को 18 साल से कम उम्र वाले यूजर्स के लिए अपने प्लेटफॉर्म का उपयोग करने से पहले उनके पैरेंट्स की मंजूरी लेनी होगी। हालांकि ये कंपनियों के लिए थोड़ा मुश्किल है क्योंकि इस कानून में ये नहीं बताया गया है कि उम्र कैसे वेरिफाई की जाएगी।