Independence Day 2024: 15 अगस्त, 2024 को भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है। यह हमारे राष्ट्र के गौरव का प्रतीक है। लेकिन क्या आपको अपने भारतीय तिरंगे का इतिहास पता है? तिरंगे को किसने डिजाइन करके बनाया? अभी तक भारत को राष्ट्रीय ध्वज कितनी बार बदले।
जानिए राष्ट्रीय तिरंगे झंडे से जुड़ी कुछ रोचक बातें।
आपको बता दें कि भारत का पहला झंडा 7 अगस्त 1906 को अस्तित्व में आया था। इसके बाद से भारत के झंडे में कई बदलाव देखे गए। देश का झंडा कुल 6 बार बदला जा चुका है।
पहला झंडा
भारत का पहला झंडा 7 अगस्त 1906 को अस्तित्व में आया था। इस झंडे में तीन रंग हरा, पीला और लाल रंग की पट्टियां देखने को मिलती है। इसमें बीच में वन्देमातरम लिखा हुआ था।
दूसरा झंडा
1907 में मैडम कामा और उनके कुछ क्रांतिकारी साथियों, जिन्हें भारत से निर्वासित कर दिया गया था। इसमें केसरिया, पीला और हरे रंग की पट्टियां थी।
तीसरा झंडा
1917 में डॉ. एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक ने एक नया झंडा फहराया। इस झंडे में पांच लाल और 4 हरे रंग की पट्टियां थी। इसके साथ ही इसमें सप्तऋशि को दर्शाते सात तारे अर्द्ध चंद्र और सितारे थे। इस झंडे में बाएं साइड के कोने में यूनियन जैक भी था।
चौथा झंडा
अखिल भारत कांग्रेस कमेटी के सेशन के दौरान आंध्र प्रदेश के एक व्यक्ति ने 1921 में महात्मा गांधी को चौथा झंडा दिया था। इसमें सफेद, हरे और लाल रंग की पट्टियां थीं। वहीं देश के विकास को दर्शाने के लिए बीच में चरखा भी था।
पांचवा झंडा
1931 में एक बार फिर भारत का झंडा बदला गया। अब इस झंडे को इंडियन नेशनल कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर अपनाया था। इस झंडे में केसरिया, सफेद और हरे रंग की पट्टियां थीं। चरखा झंडे के केंद्र में ही था।
तिरंगा झंडा
1931 में बना झंडा ही आज के वर्तमान भारतीय तिरंगे से काफी मिलता जुलता है। 1947 में इस झंडे में थोड़ा संशोधन करते हुए चरखे के स्थान पर अशोक चक्र को रखा गया।
तिरंगा कब बना राष्ट्रीय ध्वज?
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को वर्तमान स्वरूप में 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था। इसको पहले स्वराज झंडा कहा जाता था। इसे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर फहराया जाता है।
राष्ट्रीय ध्वज के रंगों का महत्व
भारत के राष्ट्रीय ध्वज की ऊपरी पट्टी में केसरिया रंग है जो देश की शक्ति और साहस को दर्शाता है। मध्य में स्थित सफेद पट्टी शांति और सत्य का प्रतीक है। सबसे नीचे हरी पट्टी वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाती है। तिरंगे झंडे में मौजूद चक्र को विधि का चक्र कहते हैं। इस चक्र को प्रदर्शित करने का आशय यह है कि जीवन गतिशील है।