Mata Rani Aarti Lyrics: अम्बे तू है जगदम्बे काली... देशभर में माता रानी की आरती की धूम; यहां देखें Video

Mata Rani Aarti Lyrics Hindi: नवरात्रि के पवन अवसर में हर गली-मोहल्ले में रोज माता रानी की आरती की धुन सुनाई देती है। 9 दिनों में माता के आरती का विशेष महत्व है, इसके बिना नवरात्रि का पर्व पूरा नहीं होता है।;

Update:2024-10-01 13:01 IST
Mata Rani Aarti Lyrics: देशभर में माता रानी की आरती की धूमMata Rani Aarti Lyrics
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Mata Rani Aarti Lyrics Hindi: हिंदू धर्म में नवरात्रि के 9 दिन बेहद ही पवित्र माने जाते हैं। इन 9 दिनों में शक्ति की आराधना होती है। इस पर्व को और भी ज्यादा खास बनाते हैं माता रानी की आरती। माता की आरती के बिना नवरात्रि पर्व अधूरा सा लगता है।

माता रानी या देवी शक्ति एक महत्वपूर्ण हिंदू देवी हैं। माता को ब्रह्मांड की निर्माता के रूप में मान्यता प्राप्त है। माता रानी शक्ति, मातृत्व और सुरक्षा से जुड़ी हैं। नवरात्रि के दौरान भक्तगण विशेष रूप से देवी की पूजा करते हैं ताकि उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। नवरात्रि के दौरान, भक्त सुबह और शाम की पूजा के दौरान माता रानी की आरती कर सकते हैं ताकि वे खुद को सकारात्मक ऊर्जा से घेर सकें।

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यहां हम आपके लिए लेकर आए हैं नवरात्रि आरती का शानदार कलेक्शन।

Mata Rani Ki Aarti: Jai Ambe Gauri Lyrics In Hindi

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै ।
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी ।
सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे ।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों ।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता, 
भक्तन की दुख हरता ।
सुख संपति करता ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी । 
खड्ग खप्पर धारी, मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

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अम्बे तू है जगदम्बे काली आरती (Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Lyrics In Hindi)

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

तेर भक्त जानो पर मैया भीड़ पड़ी है भारी,
दानव दल पर टूट पड़ो मां कर के सिंह सवारी।
सो सो सिंहों से है बलशाली,
है अष्‍ट भुजाओं वाली,
दुखिओं के दुखड़े हारती ।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

मां बेटे की है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता,
पूत कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता ।
सबपे करुना बरसाने वाली, अमृत बरसाने वाली,
दुखिओं के दुखड़े निवारती ।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

नहीं मांगते धन और दौलत ना चांदी ना सोना,
हम तो मांगे माँ तेरे मन में एक छोटा सा कोना ।
सब की बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,
सतिओं के सत को सवारती ।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
मैया भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली, भक्तों के कारज तू ही सारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती, हम सब उतारे तेरी आरती॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

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मंगल की सेवा, सुन मेरी देवा आरती (Mangal ki Seva, Sun Meri Deva Lyrics In Hindi)
मंगल की सेवा, सुन मेरी देवा, हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े।
पान सुपारी, ध्वजा, नारियल, ले ज्वाला तेरी भेंट करे॥
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा....

सुन जगदम्बे, कर न विलम्बे, संतन के भण्डार भरे।
संतन-प्रतिपाली, सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे॥
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा....

बुद्धि विधाता, तू जग माता, मेरा कारज सिद्ध करे।
चरण कमल का लिया आसरा, शरण तुम्हारी आन पड़े॥
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा....

जब-जब भीड़ पड़ी भक्तन पर, तब तब आप सहाय करें।  
संतन-प्रतिपाली, सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे॥
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा....

गुरु के वार सकल जग मोहे, तरणी रूप अनूप धरे।
माता होकर पुत्र खिलावे, कहीं भार्या भोग करे॥
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा....

शुक्र सुखदायी, सदा सहाई, संत खड़े जयकार करें।
संतन-प्रतिपाली, सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे॥
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा....

ब्रह्मा विष्णु महेश फल लिए, भेंट देन तेरे द्वार खड़े।
अटल सिहांसन बैठी मेरी माता, सिर सोने का छत्र धरे॥
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा....

वार शनिश्चर कुंकुम वर्णी, जब लुंकड पर हुकुम करे।
संतन-प्रतिपाली, सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे॥
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा....

खड्ग खप्पर त्रिशुल हाथ लिए, रक्त बीज को भस्म करे।
शुम्भ निशुम्भ क्षणहि में मारे, महिषासुर को पकड़ दले॥
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा....

आदित वारी आदि भवानी, जन अपने का कष्ट हरे।
संतन-प्रतिपाली, सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे॥
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा....

कुपित होय दानव मारे, चण्ड मुण्ड सब चूर करे।
जब तुम देखी दया रूप हो, पल में संकट दूर करे॥
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा....

सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता, जन की अर्ज कबूल करे।
संतन-प्रतिपाली, सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे॥
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा....

सात बार की महिमा बरनी, सब गुण कौन बखान करे।
सिंह पीठ पर चढ़ी भवानी, अटल भवन में राज्य करे॥
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा....

दर्शन पावें मंगल गावें, सिद्ध साधक तेरी भेंट धरे।
संतन-प्रतिपाली, सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे॥
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा....

ब्रह्मा वेद पढ़े तेरे द्वारे, शिव शंकर तेरा ध्यान धरे।
इन्द्र कृष्ण तेरी करे आरती, चँवर कुबेर डुलाय रहे॥
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा....

जय जननी जय मातु भवानी, अटल भवन में राज करे।
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे॥

मंगल की सेवा, सुन मेरी देवा, हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े।
पान सुपारी, ध्वजा, नारियल, ले ज्वाला तेरी भेंट करे॥

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