इंदौर में 30 जोड़ों का विवाह होने वाला है जिसमे उसमें 9 दिव्यांग जोड़े हैं, दो युवतियां मूक बधिर हैं।
टीकमगढ़ निवासी एक युवक के दोनो हांथ नही है। धार निवासी युवती के पैर में विकृति है, वह ठीक से खड़ी नहीं हो पाती है। फिर भी दोनो युवक -युवती ने सभी कमियों को दरकिनार करते हुए अब जीवनसाथी बनकर मिशाल पेश कर रहे हैं।
टीकमगढ़ निवासी धर्मदास के अंदर जीवन जीने का ऐसा जज्बा है कि वे अपने पैरों से कम्प्यूटर चलाते हैं। अब वो शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं, धार निवासी युवती से उनका विवाह तय हुआ है जिसके पैर में विकृति है, वह ठीक से खड़ी नहीं हो पाती है। ऐसे एक दो नहीं 9 जोड़े हैं, जिनका सामूहिक सहयोग से आयोजित समारोह में विवाह बंधन बंधेगा।
29 नवंबर बुधवार को इंदौर में मां गायत्री लक्ष्मीनारायण मानव सेवा संस्थान के प्रमुख हैड कांस्टेबल किशन सिंह द्वारा 30 जोड़ों का सामूहिक विवाह समारोह होने वाला है। इसमे ऐसे बच्चे शामिल हैं, जिन बच्चियों के माता-पिता नहीं हैं, उनका कन्यादान हैड कांस्टेबल व उनकी पत्नी द्वारा स्वंय ही किया जाएगा।
संस्था प्रमुख किशन सिंह ने बताया, कि मां की सीख को ध्यान में रखते हुए संस्थान की नींव रखी और अब तक 650 जोड़ों की शादी करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उनकी कोई बहन नहीं है, जितनी युवतियों का विवाह किया उनमें से अधिकांश रक्षाबंधन पर उन्हें राखी भी बांधती हैं। रक्षाबंधन में ही किशन सिंह उनके जीवन में हमेशा साथ देने का वादा करते है और जब मौका पड़ता है तो उसे निभाते भी है।
30 जोड़े मे 9 दिव्यांग, दो युवतियां मूक बधिर
किशन सिंह के मुताबिक, वे अपनी पत्नी कांताबाई के साथ उन 5 युवतियों का कन्यादान करेंगे, जिनका अपना कोई नहीं है। इस बार जिन 30 जोड़ों का विवाह होने वाला है, उसमें 9 दिव्यांग जोड़े हैं, दो युवतियां मूक बधिर हैं। समारोह में सभी जरुरी रस्मों को धूमधाम से निभाया जाता है, ताकि नवयुगलों को किसी तरह की कमी न लगे।