BrahmaKumari Jayanti Didi Exclusive Interview: मैं हूं हिमांशु द्विवेदी, inh टीवी चैनल का प्रधान संपादक। सार्थक संवाद में हम आपको एक ऐसी विदुषी से मिलवा रहे हैं, जिन्होंने छह दशक से अपना जीवन विशुद्ध रूप से समाज को दिया है। माउंट आबू उनका केंद्र है। एक ऐसा संगठन, जो 140 देशों और साढ़े 8 हजार शाखाओं के साथ समाज में परिवर्तन ला रहा है। जिन्हें लोग ब्रह्माकुमारी जयंती दीदी के नाम से जानते हैं। जयंती दीदी ब्रह्माकुमारीज की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका हैं।
सवाल: कितना संतोष और कितना असंतोष है?
जवाब: बहुत संतोष है। बचपन का एक संकल्प था। वह अब पूरा हो रहा है। मैंने सोचा था कि मेरा जीवन सिर्फ मेरे लिए न हो। इसलिए जो मुझे ज्ञान प्राप्त हुआ था, वह लोगों में बांट रही हूं।
सवाल: ब्रह्माकुमारीज का जीवन बड़ा रहस्यमयी है? करते क्या हैं?
जवाब: हम लोगों को आत्मा, परमात्मा की पहचान कराते हैं। इससे लोगों को सुख मिलता है। हम खुद को नहीं पहचानते हैं। हम अपनी आयु, पद, प्रतिष्ठा में फंस गए हैं। पहले हमें खुद को पहचानना होगा। इसके बाद महत्वाकांक्षा खत्म हो जाती है। आत्म संतोष की भावना पैदा हो जाती है। फिर परमात्मा से भी मिलन हो जाता है।
सवाल: समाज पुरुष प्रधान है? आपका संगठन इसके उलट है, पुरुषों के प्रति द्वेष क्यों है?
जवाब: कोई द्वेष नहीं है। आपके देखेंगे कि एडमिनिस्ट्रेशन के तौर पर देखें तो दो बहनें हेड हैं। एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी हमारे भाई हैं। हमने सोचा कि जिन्हें काम करने का मौका नहीं मिला तो उन्हें बतौर लीडर प्रशिक्षण दिया गया। हमारा भाइयों के बगैर काम नहीं हो सकता है।