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Boeing Starliner Landing: बोइंग स्टारलाइनर ने तीन महीने बाद शनिवार,7 सितंबर को सफलतापूर्वक धरती पर लैंडिंग की। यान ने बिना अंतरिक्षयात्रियों के मिशन पूरा किया, नासा ने इसे सफल करार दिया।

Boeing Starliner Landing: बोइंग का स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट धरती पर लैंड हो गया है। यह स्पेसक्राफ्ट एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुश विल्मोर को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) ले गया था। हालांकि, वापसी में यह दोनों एस्ट्रोनॉट इस स्पेसक्राफ्ट में मौजूद नहीं थे। तकनीकी खराबी की वजह से इस स्पेसक्राफ्ट को बगैर एस्ट्रोनॉट्स के ही लैंडिंग करनी पड़ी। स्पसेक्राफ्ट शनिवार, 7 सितंबर को न्यू मैक्सिको के व्हाइट सैंड्स स्पेस हार्बर में भारतीय समय अनुसार सुबह 9:30 बजे सुरक्षित लैंड हुआ। इसकी लैंडिंग पैराशूट्स और एयरबैग्स की मदद से की गई। 

स्टारलाइनर की सुरक्षित लैंडिंग
भले ही स्टारलाइनर दोनों एस्ट्रोनॉट्स को साथ नहीं लाया लेकिन यह अंतरिक्ष में अपने मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करके धरती पर लौटा। स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग को नासा ने लाइव दिखाया। स्टारलाइनर ने धरती के वातावरण में 27,400 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से एंट्री ली। लैंडिंग से 45 मिनट पहले स्टारलाइनर के पैराशूट्स खुल गए और इसकी रफ्तार धीमी होने लगी। इसके बाद एयरबैग्स की मदद से इसने सॉफ्ट लैंडिंग की। स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट  (Starliner spacecraft) की यह सफल लैंडिंग बोइंग और नासा के लिए बेहद अहम मानी जा रही है। 

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यहां देखें स्टारलाइनर ने कैसे की सॉफ्ट लैंडिंग

बिना अंतरिक्षयात्रियों के लौटा यान
स्टारलाइनर यान में अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स और बैरी ई. विलमोर को लौटना था, लेकिन तकनीकी खराबियों की वजह से दोनों एस्ट्रोनॉट्स ने (International Space Station) (ISS) पर ही रुकने का फैसला किया। नासा ने एस्ट्रोनॉट की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्टारलाइनर को वापस बुला लिया। हालांकि, स्टारलाइनर अपने साथ स्पेस स्टेशन से कई भारी कार्गो लेकर पहुंचा है। अब सुनियता विलियम्स को स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए वापस लाया जाएगा। नासा ने कहा कि है दोनों फरवरी 2025 तक दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी हो सकती है। 

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Boing Starliner Landing
Boing Starliner Landing (फोटो- NASA)

तकनीकी समस्याओं ने मिशन में डाला रोड़ा
बोइंग स्टारलाइनर के इस मिशन को कई तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यान की पहली लॉन्चिंग मई और जून में असफल रही थी। [Rocket] के दूसरे हिस्से में वाल्व की समस्या और कंप्यूटर गड़बड़ी के कारण मिशन रुक गया था। इसके अलावा हीलियम लीक (Helium leaks) और थ्रस्टर फेलियर की समस्या भी सामने आई। इन तकनीकी खामियों की वजह से मिशन की समयसीमा कई बार बढ़ानी पड़ी। इसकी वजह से दुनिया भर में सुनीता विलियम्स और उनके साथ एस्ट्रोनॉट की सेहत और सुरक्षा को लेकर चिंताएं जाहिर की जाने लगी। 
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Boing Starliner Landing
Boing Starliner Landing (फोटो- NASA)

आठ दिन का मिशन बना तीन महीने का सफर
यह मिशन सिर्फ आठ दिनों के लिए था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के चलते इसे तीन महीने तक बढ़ाना पड़ा। नासा के अधिकारियों ने साफ किया कि मिशन के दौरान किसी भी (Astronauts) को कोई खतरा नहीं था। नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर स्टीव स्टिच ने कहा, "हम तब तक वापस नहीं लौटेंगे जब तक हम पूरी तरह तैयार नहीं होंगे।"

Boing Starliner Landing
Boing Starliner Landing: बोइंग स्टारलाइनर अपने साथ ISS से कार्गो लेकर लौटा है।

अंतरिक्ष की दुनिया में नई शुरुआत
बोइंग स्टारलाइनर की इस सफल वापसी ने नासा और बोइंग के लिए नई उम्मीदें जगाई हैं। जब से नासा के स्पेस शटल  (Space Shuttle) रिटायर हुए हैं, नासा ने  बोइंग (Boeing) और स्पेसएक्स (SpaceX) को अपनी ऑर्बिटल टैक्सी सर्विस के लिए चुना। आसान शब्दों में कहें तो पृथ्वी के सबसे करीबी में ऑर्बिट में पहुंचाने की सर्विस के लिए प्राइवे स्पेसक्राफ्ट्स का इस्तेमाल शुरू किया है। बोइंग को अपने पहले टेस्ट मिशन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था। 

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