Israel Hamas War: इजरायल ने शुक्रवार को मानवीय मदद पहुंचाने के लिए गाजा से लगा बॉर्डर क्राॅसिंग खोल दिया। इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बातचीत की थी। बाइडेन ने नेतन्याहू से कहा था कि अगर फिलीस्तीनी नागरिकों को मानवीय मदद पहुंचाने में इजरायल बाधा बना तो वह इजरायल को मिल रही अमेरिकी सहायता रोक देंगे।
कितनी मदद भेजी जाएगी, तय नहीं
इसके कुछ ही घंटे बाद शुक्रवार को, इजरायल ने एक सरकारी बयान जारी कर गाजा पट्टी में मानवीय सहायता को सुविधाजनक बनाने के अपने इरादे का ऐलान कर दिया। इजरायल ने उत्तरी गाजा की ओर क्रॉसिंग खोल दिया है। नेतन्याहू और बाइडेन के बीच बातचीत के तुरंत बाद यह निर्णय लिया गया। हालांकि, घोषणा में इस रास्ते से किस तरह की मदद भेजी जाएगी और कितनी मदद भेजी जाएगी, इस बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है। इसके बाद अमेरिका भी अब इजरायन काे अब कूटनीतिक और सैन्य मदद देना जारी रखेगा।
गाजा में 6 महीने में 33 हजार से ज्यादा मौतें
इजरायली अधिकारियों के मुताबिक देश के सुरक्षा कैबिनेट ने फिलीस्तीन बॉर्डर खोलने को मंजूरी दी है। यह बॉर्डर बीते साल 7 अक्टूबर से बंद थे। बॉर्डर के जरिए फिलिस्टतीन के लोगों को जरूरी मदद पहुंचाई जाएगी। इसके साथ ही इजरायी सुरक्षा कैबिनेट ने फिलीस्तीनी नागरिकों की मदद के लिए इजरायल के अशदोद बंदगाह का इस्तेमाल करने को भी मंजूरी दे दी है। बता दें कि गाजा के स्वास्थ्य मंत्रातय के मुताबिक बीते 6 महीनों में इजरायल और हमास का जंग शुरू होने के बाद से अब तक 33 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है और 75 हजार से ज्यादा लोग घायल हैं।
यूएन ने किया इजरायल के फैसले का स्वागत
संयुक्त राष्ट्र ने इजरायल के बाॅर्डर खोलने के फैसले का स्वागत किया है। इजरायल की ओर से खोले गए बॉर्डर का नाम इरेज क्रॉसिंग है। बीते साल इसी बॉर्डर को क्रॉस कर हमास के आतंकियों ने इजरायल पर हमला किया था। हमास के आतंकियों ने एक इजरायली इलाकों में घुसकर गोलीबारी की थी और एक म्यूजिक कंसर्ट में हिस्सा ले रहे करीब 250 लोगों को अगवा कर लिया था। हमास के आतंकियों ने इजरायल के 1200 लोगों को मौत के घाट उतारा दिया था। इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा है कि क्षेत्र में तनाव कम करने और मानवीय राहत में तेजी लाने के लिए दोनों देशों के बीच युद्ध विराम होना चाहिए।