Lunar Standstill: बहुत जल्द आसमान में एक अद्भुत नजारा दिखेगा। चंद्रमा 'ठहरने' वाला है, हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि चांद रुकने वाला है। बल्कि, चंद्रमा का उदय और अस्त होने का अधिकतम समय दिखेगा। इस खगोलीय घटना को विज्ञान की भाषा में लूनर स्टैंडस्टिल (Lunar Standstill) कहा जाता है। आइए जानते हैं इस हैरान करने वाली आसमानी कलाबाजी के बारे में...
क्या है लूनर स्टैंडस्टिल?
हर 18 साल 6 महीने बाद चंद्रमा क्षितिज (Horizon) पर सबसे ज्यादा दूरी से उदय और अस्त होता है। इन दोनों प्राकृतिक घटनाओं के बीच का समय बढ़ जाता है। ऐसा होने पर चांद आसमान में सबसे ऊंचे और सबसे निचले बिंदु पर जाता है। इस अनूठे खगोलीय घटना को विज्ञान की भाषा में लूनर स्टैंडस्टिल कहते हैं।
पिछली घटनाएं और अगला लूनर स्टैंडस्टिल
8 अप्रैल 2024 को पूर्ण सूर्य ग्रहण हुआ था, जिसके बाद दुनियाभर में नॉर्दन लाइट्स यानी अरोरा बोरियेलिस दिखाई पड़े। अब, साल 2006 के बाद आसमान में एक और शानदार मौका आ रहा है, जब चंद्रमा क्षितिज पर सबसे दूर उत्तरी इलाके में उदय और सबसे दूर दक्षिणी इलाके में अस्त होगा।
चंद्रमा का समय चक्र
चंद्रमा हर 18.6 साल के बाद अपने सबसे ऊंचे और निचले बिंदु पर पहुंचता है। यह चंद्रमा के घुमाव का समय चक्र है। सूरज की तरह चंद्रमा एक ही रास्ते पर नहीं चलता। क्षितिज पर चंद्रमा के उगने और अस्त होने की पोजीशन लगातार बदलती रहती है।
धरती के झुकाव का नतीजा
सौर मंडल जब फ्लैट महसूस होता है, तब सभी ग्रह सूर्य के साथ एक ही प्लेन में रहते हैं, जिसे एकिलीप्टिक (Ecliptic) कहते हैं। धरती अपने अक्ष यानी धुरी पर 23.4 डिग्री झुकी हुई है। चंद्रमा का ऑर्बिट 5.1 डिग्री झुका हुआ है, जिससे यह हर महीने 57 डिग्री की रेंज में उगता और अस्त होता है।
कब देख सकते हैं यह अद्भुत नजारा?
दुनिया भर में चंद्रमा के इस उदय और अस्त होने की गणना को ही बताते हुए कई प्राचीन इमारतें और दस्तावेज हैं, जैसे स्टोनहेंज, कैलेनिश और न्यूग्रेंज। यह नजारा सितंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच देखने को मिलेगा। अगर आसमान साफ रहा तो इस खगोलीय नजारे का भरपूर आनंद लिया जा सकता है। इसे देखने का बेहतर समय चंद्रमा के उगने और अस्त होने का होता है।