बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले: अंतरिम सरकार का कबूलनामा, कहा- सांप्रदायिक हिंसा के 88 मामले सामने आए

बांग्लादेश में बीते तीन महीने में 88 सांप्रदायिक हमले, मुख्य रूप से हिंदुओं को निशाना बनाया गया। भारत ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर जताई चिंता। जानें क्या है पूरी कहानी।  ;

Update:2024-12-11 10:41 IST
Bangladesh Hindu AttackBangladesh Hindu Attack
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Bangladesh Hindu Attack: बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले अब अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बन गया है। भारत की ओर से हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सवाल उठाने के बाद बांग्लादेश ने यह बात कबूल कर ली है। बांग्लादेश की अंतिम सरकार ने माना है कि बीते कुछ दिनों में देश में सांप्रदायिक हिंसा के 88 मामले सामने आए हैं। यह सभी घटनाएं अगस्त में शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद सामने आई हैं।  

88 मामले दर्ज ,70 गिरफ्तार
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सोमवार को ढाका में बांग्लादेशी नेतृत्व से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर चिंता जताई। इसके अगले ही दिन, बांग्लादेश ने इन हमलों के 88 मामलों की पुष्टि की। इन घटनाओं में मुख्य रूप से हिंदुओं को निशाना बनाया गया।  बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने बताया कि 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 

अंतरिम सरकार ने हमलों पर दी सफाई
अंतरिम सरकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने यह भी कहा कि कई नए मामले भी सामने आए हैं। अल्पसंख्यकों जिनमें नॉर्थईस्ट के सुनामगंज और सेंट्रल गाजीपुर इलाके प्रमुख हैं।  शफीकुल आलम ने बताया कि सभी हमले धार्मिक वजहों से नहीं हुए। कुछ घटनाएं पूर्ववर्ती शेख हसीना सरकार से जुड़े लोगों पर हुईं, जो व्यक्तिगत विवादों का नतीजा हो सकती हैं। हालांकि, अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों को रोकने के लिए पुलिस सक्रिय है।  

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मंदिरों और हिंदू समुदाय पर बढ़ा खतरा  
पिछले कुछ हफ्तों में बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर भी हमले हुए हैं। इन घटनाओं ने नई दिल्ली को सतर्क कर दिया है। भारत ने साफ किया कि वह अपने पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। इन मुद्दों पर विदेश सचिव ने बांग्लादेश के कार्यवाहक विदेश मंत्री तौहीद हुसैन और प्रशासन प्रमुख मुहम्मद यूनुस से भी चर्चा की।  

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भारत-बांग्लादेश संबंधों पर असर  
अगस्त में शेख हसीना सरकार के जाने के बाद से भारत और बांग्लादेश के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। हाल में हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी ने भी इस तनाव को और बढ़ा दिया है। भारत ने ढाका से स्थिति पर कड़ा रुख अपनाने का आग्रह किया है।  भारत सरकार ने बांग्लादेश की अंतरि सरकार से कहा है कि वह अपने देश में हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए।

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