Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को हुई रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर बीबीसी की कवरेज सवालों के घेरे में है। यह मुद्दा ब्रिटिश संसद में भी गुरमाया। कंजर्वेटिव सांसद बॉब ब्लैकमैन ने हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का अभिषेक किया गया। भगवान राम का जन्मस्थान होने के नाते यह दुनिया भर के हिंदुओं के लिए बहुत खुशी की बात थी। लेकिन अफसोस की बात है कि बीबीसी ने अपने कवरेज में बताया कि यह एक मस्जिद के विनाश का स्थल था।
बीबीसी भूल गया मंदिर का इतिहास
सांसद बॉब ने कहा कि बीबीसी ने इस तथ्य को भुला दिया कि मस्जिद से पहले 2,000 से अधिक वर्षों से वहां एक मंदिर था। मुस्लिमों को अयोध्या शहर से सटे इलाके में एक मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ की जगह आवंटित की गई है। जहां वे मस्जिद बना सकते हैं। बीबीसी ने पक्षपात पूर्ण तरीके से रिपोर्टिंग की। बीबीसी को दुनियाभर में क्या चल रहा है कि इसका एक सभ्य रिकॉर्ड दुनिया के सामने रखना चाहिए।
सांसद बॉब ने बाद में एक पोस्ट भी लिखी। जिसमें उन्होंने कहा कि संगठनों ने बीबीसी की राम मंदिर की पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि बीबीसी की रिपोर्ट ने हिंदुओं का अपमान किया है।
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पीएम मोदी ने की थी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
अयोध्या में राम जन्मभूमि पर 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर का उद्घाटन किया गया। पीएम मोदी मुख्य यजमान थे। उन्होंने रामलला के नए विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गर्भगृह में मौजूद थे। 150 देशों के राजनयिकों, 1800 विशेष आमंत्रित सदस्यों के अलावा 8000 से अधिक लोगों को निमंत्रण दिया गया था।
स्कूलों में रही छुट्टी, मनाई गई दिवाली
राम मंदिर उद्घाटन के मौके पर कई राज्यों ने स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की, जबकि सरकारी कार्यालय, अन्य प्रतिष्ठान और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अभिषेक दिवस पर आधे दिन के लिए बंद रहे। कुछ राज्यों ने ड्राई डे घोषित किया और मांसाहारी खाद्य पदार्थ बेचने वाली दुकानों को शाम तक बंद रखने को कहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित अभिषेक समारोह के तुरंत बाद, भक्तों ने अयोध्या में भगवान राम की 'प्राण प्रतिष्ठा' का जश्न मनाने के लिए राज्य भर में पटाखे फोड़े। अगले दिन, राम मंदिर के दरवाजे आम जनता के लिए खोल दिये गये। पहले 11 दिनों में करीब 25 लाख श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन किए।