California Wildfire Update: कैलिफोर्निया के जंगलों में बीते छह दिनों से आग धधक रही है। तेज हवाओं और सूखे पेड़ों के कारण आग ने भयानक रूप ले लिया है। अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। दर्जनों लोग लापता हैं। एक लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं। इस आपदा से निपटने के लिए मेक्सिको से दमकलकर्मी बुलाए गए हैं। लॉस एंजिल्स और आसपास के क्षेत्रों में आग के कारण हालात बिगड़ रहे हैं। तेज हवा की वजह से आग तेजी से फैल रही है। फिलहाल 80 किमी/घंटा की रफ्तार से हवा चल रही है। अनुमान है कि यह रफ्तार अगले 12 घंटों में और बढ़ सकती है। आइए, जानते हैं कि अमेरिका के कैलिफोर्निया के जंगल की इस आग ने कैसे तबाही मचाकर रख दी है। 

तेज हवाओं की वजह से तेजी से फैल रही आग
'सांता सना' हवा की वजह से आग बेहद तेजी से फैली जा रही है। इन हवाओं की गति 160 किमी/घंटा तक पहुंच रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पैलिसेड्स और मैंडेविल घाटी जैसे इलाकों में सैकड़ों घर पूरी तरह जल चुके हैं। लॉस एंजिल्स काउंटी के चारों तरफ आग फैल चुकी है। आग के कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 350 पार कर गया है, जिससे शहर की हवा जहरीली हो गई है। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू भी लागू कर दिया है। मौसम विशेषज्ञों ने कहा है कि इस आग की वजह से क्लाइमेट पर बुरा असर पड़ेगा। 

California Wildfire Update: लॉस एंजिल्स में आग बुझाने में जुटा एक फायर फाइटर।

मेक्सिको से पहुंची फायर फाइटर्स की टीम
आग पर काबू पाने के लिए मेक्सिको से फायर फाइटर्स की एक बड़ी टीम पहुंची कैलिफोर्निया पहुंची है। इस टीम के साथ अत्याधुनिक उपकरण भी लाए गए हैं। फायरफाइटर्स फायर लाइन काटकर आग के फैलने को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। विमानों की मदद से भी आग बुझाने का प्रयास हो रहा है। दमकलकर्मी लगातार आग बुझाने में लगे हुए हैं। आग बुझाने के लिए विमानों और हेलीकॉप्टर्स की भी मदद ली जा रही है। हालांकि, तेज हवाओं और पहाड़ी इलाकों के कारण राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं।

California Wildfire Update: आग पर काबू पाने के लिए मेक्सिको से फायर फाइटर्स की एक बड़ी टीम पहुंची कैलिफोर्निया पहुंची है।

राष्ट्रपति बाइडेन ने आग को इमरजेंसी घोषित किया
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कैलिफोर्निया में आग को इमरजेंसी घोषित कर दिया है। राष्ट्रपति ने कहा है कि अब तक 3,60,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। आग बुझाने के लिए सैकड़ों अग्निशामक दलों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही रक्षा विभाग ने सेना को प्रभावित इलाकों में उतारने की योजना बनाई। बाइडेन ने कहा है कि सरकार 180 दिनों के लिए आपदा से  जुड़े लागत का 100% खर्च वहन करेगी। सरकार की ओर से अस्थायी आवास, घर की मरम्मत के लिए अनुदान, और गैर-बीमा वाली संपत्ति के नुकसान को कवर करने के लिए कम लागत वाले ऋण शामिल देने का ऐलान किया है। 

California Wildfire Update: आग की वजह से पैसिलेड्स इलाका पूरी तरह से जलकर खाक नजर आ रहा है।

लॉस एंजिल्स में नजर आया आग का बवंडर
कैलिफोर्निया में जंगल की आग के दौरान एक आग का बवंडर (फायरनैडो) देखा गया है। यह बवंडर आग की लपटों और गर्म हवा के मिलन से बनता है। आग का यह बवंडर लॉस एंजेलिस में 405 फ्रीवे के पास नजर आया। अब इस फायरनैडो को कंट्रोल करने की कोशिश तेज हो गई है। आग के बवंडर ने कई घरों और इमारतों को जलाकर खाक कर दिया। बता दें कि बवंडर आग की लपटों को ऊंचाई पर ले जाता है। इसकी वजह से आग तेजी से फैलती है। फायरनैडो की वजह से आग के नई जगहों पर फैलने का डर है। इसके साथ ही फायरनैडो से निकलने वाली जहरीली गैस भी लोगों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। 

California Wildfire Update: पैलिसेड्स जैसे पॉश इलाकों में सैकड़ों मकान खाक हो गए हैं।

करोड़ों का नुकसान, 12 हजार से ज्यादा इमारतें जली
लॉस एंजिल्स में आग से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। पैलिसेड्स जैसे पॉश इलाकों में सैकड़ों मकान खाक हो गए हैं। यहां की कई कॉलोनियां पूरी तरह जलकर खंडहर में तब्दील हो चुकी हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट़्स के मुताबिक, आग से 16 लोगों की मौत हो चुकी है और 16 लाख करोड़ रुपए (लगभग 135 से 150 बिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ है। आग में 12,000 से अधिक इमारतें जलकर खाक हो चुकी हैं। साथ ही लगभग 30,000 घरों को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, आग ने 58 वर्ग मील (142 वर्ग किलोमीटर) के क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है। यही वजह है कि इसे अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ा नुकसान कहा जा रहा है। 

California Wildfire Update: आग में 12,000 से अधिक इमारतें जलकर खाक हो चुकी हैं। लगभग 30,000 घरों को नुकसान पहुंचा है।

जंगली जानवर जान बचाने के लिए भटक रहे
कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स वाइल्डफायर का असर जंगली जानवरों पर भी हुआ है। बड़ी संख्या में जंगली जानवरों की मौत हुई है। वहीं आग से बचाने के लिए भालू, हिरण, गिलहरी, लोमड़ी और जंगली खरगोश रिहायशी इलाकों में घुस आए हैं। इसके साथ ही बड़ी संख्या में पालतू जानवर भी इस आग में जल गए हैं या झुलस गए हैं। इसके साथ ही जंगल में रहने वाले  गिलहरी, हिरण, भालू, कौआ, और सांपों को भी नुकसान पहुंचा है। वन्यजीव प्रेमियों ने रिहायशी इलाकों में घुसे जंगली जानवरों को रेस्क्यू करना शुरू कर दिया है। 

घर छोड़कर भाग रहे लोगों से हो रही लूटपाट
कैलिफोर्निया में जंगल की आग के बीच लूटपाट की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। आग की वजह से लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। ऐसे में लुटेरे इस स्थिति का फायदा उठा रहे हैं। खास कर सांता मोनिका लूट की कई वारदातों को अंजाम दिया गया है। घर छोड़कर जा रहे लोगों से हथियार दिखाकर कीमती सामान और कैश लूट लिए गए। इन घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन ने कर्फ्यू लागू किया है।अब तक 20 से ज्यादा लोगों को लूटपाट के मामले में गिरफ्तार किया गया है। स्थानीय पुलिस और प्रशासन लूटपाट की घटनाओं पर काबू पाने की हर संभव कोशिश कर रही है।

पानी की कमी से आग बुझाने में दिक्कत
लॉस एंजिल्स में 20% वाटर हाइड्रेंट सूख गए हैं, जिससे पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है। राज्य के गवर्नर गैविन न्यूजॉम ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। आग से प्रभावित इलाकों में डॉग स्क्वाड की मदद से लापता लोगों की तलाश की जा रही है। वाटर हाइड्रेंट सूखने से आग बुझाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई इलाकों में पानी की कमी के कारण दमकलकर्मियों को आग पर काबू पाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में फायर फाइटर्स दूसरी जगहों से पानी लाकर आग बुझाने में जुटे हैं। हेलिकॉप्टर और विमानों की मदद से जंगल में लगी आग पर पानी की बौछार की जा रही है। 

कैलिफोर्निया के जंगलों में कई बार लग चुकी है आग
कैलिफोर्निया में जंगलों में आग लगने की घटनाएं नई नहीं हैं। पिछले 50 सालों में यहां 78 बार बड़ी आग लग चुकी है। 1933 में लगी आग ने 83,000 एकड़ जमीन को खाक कर दिया था। सूखे पेड़ और तेज़ हवाएं इस समस्या को और विकराल बना रही हैं। कैलिफोर्निया में जंगल की आग का इतिहास बेहद विनाशकारी रहा है। 1961 में यहां लगी आग में हजारों इमारतें जलकर खाक हो गई थीं। 2018 में वूल्सी फायर ने 1,600 से अधिक इमारतों को तबाह किया। इस आग की वजह से तीन लोगों की जान भी गई थी। 2020 में यहां जंगल की आग 43,000 एकड़ में फैल गई थी। इस इलाके में आग लगने के पीछे तेज हवाओं और सूखे मौसम का जिम्मेदार ठहराया जाता है।