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California wildfire update: कैलिफोर्निया की जंगल की आग में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और ₹16 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। सांता सना हवाओं की वजह से आग तेजी से फैल रही है। आग के बीच लूटपाट की घटनाएं भी सामने आई है। पढें अब तक क्या क्या हुआ।

California wildfire update:अमेरिका के कैलिफोर्निया के जंगलों में लगी आग ने तबाही मचा दी है। अब तक 11 लोगों की जान जा चुकी है। इस बीच लूटपाट की घटनाएं भी सामने आई है। आग की तेज लपटें 40 हजार एकड़ से ज्यादा के इलाके में फैल चुकी है। राष्ट्रपति बाइडेन से लेकर स्थानीय प्रशासन तक सब मुस्तैदी से स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। आग से अब तक 16 लाख करोड़ रुपए का भारी भरकम नुकसान हो चुका है। वहीं दूसरी ओर तेज हवा और पानी की कमी से आग बुझाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आइए, जानते हैं कि कैलिफोर्निया की इस आग ने अमेरिका में कैसे हाहाकर मचा कर रख दिया है। 

कर्फ्यू और लूटपाट की घटनाएं  
आग से दहकते कैलिफोर्निया में अचानक लूट पाट की घटनाएं सामने आने लगी है। सांता मोनिका में आग की वजह से घर छोड़कर जा रहे लोगों से लूटपाट की घटनाएं हुई हैं। लोगों से कैस और कीमती सामान लूट लिए गए। लूट की इन वारदातों को देखते हुए  प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है। अब तक लूटपाट को अंजाम देने के आरोप में 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस और प्रशासन हालात को संभालने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं।

आग से हुआ अब तक कितना नुकसान हुआ
मंगलवार को शुरू हुई यह आग अब शनिवार तक भी पूरी तरह काबू में नहीं आ सकी है। अब तक आग में 11 लोगों की जान जा चुकी है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस त्रासदी पर चिंता जताई है। इसे देश के लिए बड़ा संकट बताया है। लॉस एंजिलिस में 288 करोड़ रुपए की एक प्रॉपर्टी पूरी तरह खाक हो गई। इसे दुनिया की सबसे महंगी प्रॉपर्टीज में गिना जाता था। विशेषज्ञों ने आग से 16 लाख करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया है।

गलत फायर अलर्ट से अफरा-तफरी
कैलिफोर्निया में वाइल्डफायर के बीच गलत फायर अलर्ट ने अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया। गुरुवार और शुक्रवार को लॉस एंजिल्स में लाखों लोगों को गलत फायर एग्जिट मैसेज भेजे गए। इसमें लोगों को जल्द अपना घर छोड़ने को कहा गया। इसके बाद लोग घबराहट में अपने घर छोड़ने लगे। बताया जा रहा है कि सेलफोन टावर्स में आग लगने की वजह से यह तकीकनी दिक्कत सामने आई। इमरजेंसी मैनेजमेंट अफसरों ने इसे बड़ी चूक माना है। विशेषज्ञों का कहना है कि सही अलर्ट सिस्टम काम न करने की वजह से राहत कार्य में भी बाधा आ रही है। 

पानी की कमी ने बढ़ाई मुश्किलें  
आग पर काबू पाने के लिए पानी की कमी एक बड़ी समस्या बन गई है। कई जगहों पर वॉटर हाइड्रेंट सूख गए हैं। राज्य के गवर्नर गैविन न्यूजॉम ने इस मुद्दे की जांच के आदेश दिए हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि जल स्रोतों की कमी, तेज हवाओं, और सूखे के हालात ने इस आग को और खतरनाक बना दिया है। अग्निशमन दल दिन-रात आग बुझाने में जुटे हैं, लेकिन तेज 'सांता सना' हवाओं के चलते उनका काम और मुश्किल हो गया है। तेज हवाओं की वजह से आग काबू में नहीं आ पा रही है। तेज हवाओं के चलते स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। 

आग लगने की दो वजहें बताई जा रही
आग लगने की दो वजहें बताई जा रही हैं। कुछ लोगों का दावा है कि किसी शख्स ने जानबूझकर जंगलों में आग लगाई। एक संदिग्ध को हिरासत में भी लिया गया है। वही, फायर चीफ डेविड अकूना ने जंग में आग लगाने की बातों को खारिज किया है। वहीं दूसरी वजह यह बताई जा रही है कि, सांता सना हवाओं ने सूखे चीड़ के पेड़ों में आग भड़काई। ये हवाएं आमतौर पर पतझड़ के मौसम में चलती हैं और दक्षिण कैलिफोर्निया को सबसे ज्यादा प्रभावित करती हैं। 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली इन हवाओं की वजह से आग तेजी से फैलती जा रही है। 

50 साल में 78 बार धधक चुकी है कैलिफोर्निया
पिछले 50 सालों में कैलिफोर्निया के जंगलों में 78 बार बड़े पैमाने पर आग लग चुकी है। 1933 में लॉस एंजिलिस के ग्रिफिथ पार्क में लगी आग सबसे बड़ी थी, जिसने 83 हजार एकड़ जमीन को तबाह कर दिया था। इस बार की आग ने भी लोगों को घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है। कैलिफोर्निया के जंगलों के पास रिहायशी इलाके भी हैं। आग फैलकर इन रिहायशी इलाकों में पहुंचने का डर हमेशा बना रहता।  इसके साथ ही यहां के गर्म और सूखे क्लाइमेट को भी जंगलों की आग के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। 

हेलिकॉप्टर और फायर फाइटर्स आग बुझाने में जुटे
आग पर काबू पाने के लिए हेलिकॉप्टर और फायर फाइटर्स लगातार काम कर रहे हैं। ग्रेनेडा हिल्स और ईटन जैसे इलाकों में बचाव दल चौबीसों घंटे जुटे हुए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे लोग दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। इसके साथ ही प्रभावित इलाकों में आम लोग  भी अपने स्तर पर भी आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं। आग इतनी भयावह है कि अंतरिक्ष से भी इसे देखा जा सकता है।। विशेषज्ञों का कहना है कि इस आग से पर्यावरण पर भी गंभीर असर पड़ेगा।  

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