Canada Foreign Minister Melanie Joly:कनाडा और भारत के बीच बढ़ते तनाव के बीच कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने एक सख्त बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कनाडा में बचे हुए भारतीय राजनयिक अब पूरी तरह से नजर में हैं। कनाडा में भारतीय राजनयिकों पर आरोप लगे हैं कि वे सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल थे। यह बयान तब आया जब कनाडा ने पहले ही भारत के उच्चायुक्त समेत 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। 

भारत की रूस से तुलना करते हुए कही ये बात
मेलानी जोली ने भारत की तुलना रूस से की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से रूस ने यूरोप के कुछ देशों में धमकियां और हिंसा फैलाई थी, वैसा ही अब कनाडा में भारतीय राजनयिकों की ओर से किया जा रहा है। जोली ने साफ और सख्त लहजे में कहा कि कनाडा ऐसी किसी भी गतिविधि को अपनी जमीन पर बर्दाश्त नहीं करेगा।कनाडा अपने देश में किसी भी प्रकार की ट्रांसनेशनल दमनकारी गतिविधि बर्दाश्त नहीं करेगा। किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों में शामिल डिप्लाेमैट्स पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

भारतीय राजनयिकों पर हत्या और धमकी देने के आरोप
कनाडा की रॉयल माउंटेड पुलिस (RCMP) के मुताबिक, भारतीय राजनयिकों को सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जोड़ा जा रहा है। निज्जर की पिछले साल ब्रिटिश कोलंबिया में गोली मारकर हत्या कर दी थी। निज्जर को भारत में आतंकवादी घोषित किया गया था। निज्जर कनाडा में रहकर भारत विरोधी अलगाववादी गतिविधियों में शामिल था। 

कनाडा ने 6 भारतीय राजनयिकों को निष्कासित किया
इस विवाद के चलते कनाडा ने अब तक 6 भारतीय डिप्लोमैट्स को निष्कासित किया है। इनमें ओटावा के हाई कमिश्नर भी शामिल थे। साथ ही इनमें से कुछ राजनयिक टोरंटो और वैंकूवर में तैनात थे। कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि कनाडा भविष्य में भी किसी भी भारतीय डिप्लोमैट को निष्कासित कर सकता है, जो वियना कन्वेंशन का उल्लंघन करते पाए जाएंगे।  

भारत-कनाडा विवाद में बढ़ता तनाव
भारत और कनाडा के बीच यह विवाद तेजी से बढ़ रहा है। सिख अलगाववादी खालिस्तानी समर्थकों के मुद्दे को लेकर पहले से ही दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण थे, लेकिन हाल की घटनाओं ने इस तनाव को और बढ़ा दिया है। भारत ने भी कनाडा के आरोपों को निराधार बताया है। भारत ने इस मामले में भारत में तैनात कनाडा के डिप्लोमैट्स को भी तलब किया था। साथ ही कनाडा पर भारतीय डिप्लोमैट्स पर बिना किसी विश्वसनीय सबूत के निष्काषित करने का आरोप लगाया है।आने वाले समय में यह विवाद और गहरा सकता है।