Canada parliament: कनाडा संसद द्वारा खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की याद में मौन रखने के बाद, भारत ने भी करारा जवाब दिया है। वैंकूवर में भारतीय महावाणिज्य दूतावास द्वारा 1985 के एयर इंडिया कनिष्क विमान बम विस्फोट के 329 पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित करने का ऐलान किया गया है।
कब हुआ था एयर इंडिया कनिष्क बम विस्फोट
23 जून 1985 को, मॉन्ट्रियल से लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान पर खालिस्तानी आतंकवादियों ने बम प्लांट कर दिया था। इस बम के फटने से 329 निर्दोष यात्रियों की जान चली गई थी। इसमें 268 कनाडाई, 27 ब्रिटिश और 24 भारतीय नागरिक शामिल थे। यह नागरिक उड्डयन के इतिहास में आतंकवाद से संबंधित सबसे जघन्य घटनाओं में से एक है। इस धमाके में मारे गए लोगों में 86 बच्चे भी शामिल थे।
वैंकूवर में आयोजित होगी श्रद्धांजलि सभा
भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया- भारत आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने में सबसे आगे है और इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करता है।"23 जून 2024 को, स्टेनली पार्क के सेपरले प्लेग्राउंड क्षेत्र में एयर इंडिया मेमोरियल में शाम 6:30 बजे श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाएगी।
कनाडा संसद में निज्जर की याद में मौन
कनाडा की संसद ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की याद में मौन रखा। निज्जर की बीते साल साल ब्रिटिश कोलंबिया स्थित एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा सरकार ने इस हत्या में भारतीय खुफिया एजेंसियों के एजेंट्स का हाथ होने का आरोप लगाया था। भारत सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया था।
जी7 शिखर सम्मेलन में मिले मोदी-ट्रूडो
जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मुलाकात हुई, जहां ट्रूडो ने कहा कि भारत के साथ कई "बड़े मुद्दों" पर "समन्वय" की आवश्यकता है। मोदी ने सोशल मीडिया पर ट्रूडो के साथ एक तस्वीर पोस्ट करते हुए कहा, "जी7 शिखर सम्मेलन में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की।"
भारत-कनाडा संबंधों में तनाव
निज्जर की हत्या के बाद से भारत-कनाडा के द्विपक्षीय संबंधों में तनाव है। भारत ने कनाडा में अलगाववादियों और भारत विरोधी तत्वों राजनीतिक स्थान दिए जाने का मुद्दा उठाया है। ट्रूडो ने कहा कि "भारत के साथ लोगों के बीच बहुत ऐसे मुद्दे हैं जिनपर बात की जानी चाहिए। कई बड़े मुद्दों पर सहमति बनाने की जरूरत है।