ट्रम्प की टीम में माइक वॉल्ट्ज की एंट्री: अमेरिका के नए NSA बनाए गए, भारत के लिए क्या है इसके मायने?

Trump Appoints Mike Waltz NSA
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डोनाल्ड ट्रंप ने माइक वॉल्ट्ज को अमेरिका का नया एनएसए नियुक्त किया है।(फाइल फोटो-माइक वॉल्ट्ज)
डोनाल्ड ट्रंप ने माइक वॉल्ट्ज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया, जो भारत और चीन पर कड़े रुख के लिए जाने जाते हैं। 

Trump Appoints Mike Waltz NSA: अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट डोनाल्ड ट्रंप ने फ्लोरिडा के सांसद माइक वॉल्ट्ज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के रूप में चुना है। यह खबर सोमवार को एसोसिएटेड प्रेस के हवाले से सामने आई। माइक वॉल्ट्ज अमेरिकी कांग्रेस में भारत कॉकस के प्रमुख भी हैं और ट्रम्प के बड़े समर्थक रहे हैं। उनकी नियुक्ति के बाद अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में बड़ा बदलाव होने की उम्मीद जताई जा रही है। खासकर चीन और भारत से जुड़े मुद्दों पर अमेरकी नीतियों में बदलाव होने की बात कही जा रही है।

भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के समर्थक
माइक वॉल्ट्ज ने अमेरिका-भारत रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने का समर्थन किया है। अफगानिस्तान और मध्य-पूर्व में कई बार तैनात रह चुके वॉल्ट्ज ने अपने करियर में कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं, जिसमें कांस्य पदक भी शामिल है। इसके अलावा, उन्होंने पेंटागन में अफगानिस्तान नीति सलाहकार के रूप में भी काम किया है। वॉल्ट्ज के अमेरिका के NSA बनने से भारत-अमेरिका के बीच सुरक्षा संबंधों में और मजबूती की उम्मीद की जा रही है।

बाइडेन की नीतियों के आलोचक रहे हैं
वॉल्ट्ज ने राष्ट्रपति जो बाइडेन की अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की योजना की कड़ी आलोचना की थी। वॉल्ट्स ने कहा था कि यह फैसला तालिबान के हाथों में हथियार छोड़ने जैसा था। वॉल्ट्ज ने यह भी कहा था कि अमेरिका को अपनी सैन्य तैयारी बढ़ानी चाहिए, खासकर अगर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन से किसी तरह का टकराव होता है, तो इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है। वॉल्ट्ज ने इस इंडो-पैसिफिक रिजन में अमेरिकी सेना को मजबूत बनाने की मांग की है।

चीन के खिलाफ अपनाते रहे हैं कड़ा रुख
माइक वॉल्ट्ज चीन की आर्थिक नीतियों के बड़े आलोचक हैं। वॉल्ट्ज ने चीन पर अमेरिकी सप्लाई चेन का दोहन करने और इटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी की चोरी का आरोप लगाया है। वॉल्ट्ज का मानना है कि अमेरिका को चीन पर निर्भरता कम करनी चाहिए और अपनी तकनीकी सुरक्षा को बढ़ावा देना चाहिए। उनकी इस नीति के चलते अमेरिका-चीन संबंधों में तनाव बढ़ सकता है, लेकिन इससे अमेरिकी उद्योगों को सुरक्षा मिलेगी।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सक्रिय भूमिका
वॉल्ट्ज का कहना है कि अमेरिका को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकना चाहिए। उन्होंने बीजिंग में 2022 शीतकालीन ओलंपिक्स के बहिष्कार की मांग की थी, ताकि शिनजियांग में उइगर मुसलमानों पर चीन के अत्याचारों का विरोध किया जा सके। ऐसा माना जा रहा है कि ट्रंप ने वॉल्ट्ज को एनएसए बनाकर इंडो पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिका का दबदबा बनाए रखने के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है, जो भारत के हित में भी है।

अमेरिका-भारत संबंधों में में मजबूती आने की उम्मीद
भारत-अमेरिका संबंधों के लिए वॉल्ट्ज की भूमिका अहम हो सकती है। एक तरफ वह ट्रम्प के करीबी समर्थक हैं और दूसरी तरफ भारत कॉकस के प्रमुख भी हैं। उनकी नियुक्ति से दोनों देशों के बीच सुरक्षा और आर्थिक संबंधों में मजबूती आने की उम्मीद है। ट्रम्प की टीम में वॉल्ट्ज जैसे व्यक्ति की नियुक्ति अमेरिका-भारत साझेदारी को एक नई दिशा दे सकती है।

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