Donald Trump Wins Iowa Caucuses: कानूनी मामलों में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। उन्होंने इस साल होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में आयोवा कॉकस जीत लिया है। इसके बाद रिपब्लिकन प्राइमरी में उनकी दावेदारी बेहद मजबूत हो गई है। कॉकस नतीजों में डोनाल्ड ट्रंप को मिली जीत से तय हो गया है कि मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन को एक बार फिर कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप ने मतदाताओं तक पहुंचने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम पर विज्ञापन पर 44 हजार डॉलर खर्च किए। हालांकि यह राशि भारतवंशी उम्मीदवार विवेक रामास्वामी द्वारा खर्च की गई राशि से कम है। विवेक ने चुनाव अभियान पर 45,000 डॉलर खर्च किए हैं। विवेक रामास्वामी ने उम्मीदवारी से पीछे हटने का फैसला किया है। उन्होंने ट्रंप का समर्थन करने का ऐलान किया।
ट्रंप का क्या है फ्यूचर प्लान?
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी आयोवा जीत के बाद मंगलवार 16 जनवरी को न्यूयॉर्क की यात्रा पर जाने वाले हैं। वह ई. जीन द्वारा लाए गए मानहानि मामले में अपने सिविल मुकदमे में हिस्सा लेने के लिए वहां जाएंगे। इसके बाद वह एक रैली के लिए न्यू हैम्पशायर जाएंगे।
पिछले सप्ताह के अंतिम एनबीसी न्यूज/डेस मोइनेस रजिस्टर/मीडियाकॉम आयोवा पोल में 48% संभावित कॉकस-गोअर ने ट्रंप को अपनी पहली पसंद के रूप में चुना। निक्की हेली को 20% और 16% ने रॉन डेसेंटिस को चुना था। रामास्वामी, अर्कांसस के पूर्व गवर्नर आसा हचिंसन और टेक्सास के पादरी रयान बिंकले सिंगल डिजिट में सिमट गए थे।
डोनाल्ड ट्रंप अपनी जीत को लेकर पहले से आश्वस्त थे। 15 जनवरी को कॉकस से पहले ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मुझे कुल कितने वोट मिलेंगे यह नहीं पता। लेकिन मुझे लगता है कि जीत जरूर होगी।
आयोवा कॉकस क्यों अहम?
आयोवा में 1600 से ज्यादा जगहों पर वोटिंग हुई। जिसमें डोनाल्ड ट्रंप को विजयी घोषित किया गया। आयोवा के बाद न्यू हैंपशायर, नेवादा और दक्षिण कैरोलिना में भी कॉकस आयोजित होगा। पहले कॉकस आयोवा पर सबकी निगाहें थीं, क्योंकि यहां से मिली जीत आगे की चुनौतियों के लिए उत्साह बढ़ाएंगी। चुनाव नतीजों से यह भी साफ हो गया कि रिपब्लिकन पार्टी के मतदाता अभी भी मजबूती से ट्रंप के समर्थन में हैं।
क्या है आयोवा कॉकस?
अमेरिका में दो प्रमुख पार्टियां हैं। रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक। दोनों पार्टियां राष्ट्रपति चुनाव से पहले देश के हर राज्य में पार्टी के उम्मीदवार के चयन के लिए पार्टी के भीतर वोटिंग कराती हैं। जिसे कॉकस कहा जाता है। सभी राज्यों के मतदान के बाद दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में मतदान में विजयी होने वाले उम्मीदवार को पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया जाता है।