Earthquake in China: मंगलवार सुबह 6:35 बजे चीन के ऑटोनमस रीजन तिब्बत में 7.1 तीव्रता के भूकंप ने जबरदस्त तबाही मचाई। 126 लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा घायल हो गए। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने बताया है कि भूकंप का केंद्र नेपाल और चीन की सीमा के पास जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था। भूकंप के झटके भारत, नेपाल, बांग्लादेश और चीन में भी महसूस किए गए। भूकंप के झटके महसूस होने पर लोग अपने घरों से बाहर निकलने को मजबूर हो गए।
तिब्बत में मची तबाही, मलबे में फंसे लोग
तिब्बत के शिगाजे शहर में भूकंप से भारी नुकसान हुआ है। सरकारी मीडिया के अनुसार, बड़ी संख्या में इमारतें ढह गई हैं, और कई लोग मलबे में फंसे हुए हैं। चीन की स्टेट काउंसिल ने इस क्षेत्र में लेवल-3 आपातकाल की घोषणा कर दी है। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने कहा है कि मंगलवार की दोपहर जिगाज ऑटोनमस रीजन के डिंगरी काउंटी में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया। चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग ने भूकंप प्रभावित क्षेत्र में तुरंत राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
नेपाल में धराशायी हुईं इमारतें, डर का माहौल
नेपाल में भूकंप के झटकों के कारण बड़ी इमारतें धराशायी हो गईं। वहां के स्थानीय लोग सोशल मीडिया पर तबाही की तस्वीरें और वीडियो साझा कर रहे हैं। कई इलाकों में घर पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गए हैं। नेपाल में भूकंप की वजह से नौ लोगों की मौत होने की भी बात सामने आई है। हालांकि, नेपाल सरकार की ओर से अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। नेपाल की राजधानी काठमांडू,काभ्रेपलान्चोक और धाडिंग में भूकंप के झटके महसूस हुए।
डेढ़ घंटे में छह बार डोली धरती
तिब्बत में भूकंप के बाद भी धरती थमने का नाम नहीं ले रही। सुबह से डेढ़ घंटे के भीतर छह बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। पहले झटके की तीव्रता 7.1 रही, जबकि अन्य झटके 4.7 से 5.0 तीव्रता के थे। लगातार झटकों के कारण लोगों में दहशत बनी हुई है। प्रशासन लगातार भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य में जुटा है। मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालने का काम तेजी से किया जा रहा है।
भारत में भी महसूस हुए झटके
उत्तर भारत के कई राज्यों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के लोग भूकंप के कारण घरों से बाहर निकल आए। अचानक खिड़कियों और पंखों के हिलने से लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया। लोग घरों से बाहर निकलकर सड़कों पर आ गए। हालांकि, भूकंप से भारत में किसी प्रकार के नुकसान की जानकारी नहीं है।
राहत कार्य में जुटी टीमें, मौतों का आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद
चीनी सरकार ने राहत कार्य के लिए राष्ट्रीय टास्क फोर्स तिब्बत भेजी है। घायलों को अस्पताल पहुंचाने और मलबे में फंसे लोगों को निकालने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। नेपाल और चीन के कुछ इलाकों में सेना को भी तैनात किया गया है। चीनी और नेपाली मीडिया के अनुसार, भूकंप से मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है। राहत-बचाव कार्य जारी होने के कारण अभी तक सभी प्रभावित क्षेत्रों से जानकारी नहीं मिल पाई है। विशेषज्ञों ने अगले कुछ घंटों में और झटकों की संभावना जताई है।
भूकंप के बाद जानिए क्या करें और क्या न करें
विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप के समय लिफ्ट का इस्तेमाल न करें। खिड़कियों और शीशों से दूर रहें। भूकंप रुकने तक किसी मजबूत स्थान पर छिपे रहें। इसके अलावा, किसी भी बिजली उपकरण को चालू या बंद न करें। भूकंप के दौरान शीशे की खिड़कियों और दरवाजों के पास खड़े होने से बचें, क्योंकि ये टूट सकते हैं और चोट लगने का खतरा होता है। भूकंप के झटके बंद होने के बाद तुरंत घर से बाहर निकलने की कोशिश न करें। कई बार दरवाजे या खिड़कियां क्रैक हो जाती हैं, जिससे बाहर निकलना खतरनाक हो सकता है।