S Jaishankar on America: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने वाशिंगटन में अमेरिकी अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान भारत-अमेरिका रिश्तों पर खुलकर बात की। जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब अमेरिका भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करता है, तो भारत भी उसी तरह जवाब देगा। विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका को ऐसी टिप्पणियां को व्यक्तिगत नहीं लेना चाहिए। भारत के जवाबों का बुरा नहीं मानना, विदेश मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में पारस्परिक सम्मान जरूरी है, और इसका पालन सभी को करना चाहिए।
भारत-अमेरिका के संबंधों पर जयशंकर का स्पष्ट रुख
जयशंकर ने अमेरिकी थिंक टैंक कार्नेगी एंडाउमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के कार्यक्रम में कहा कि भारत के आंतरिक मामलों पर जब कोई टिप्पणी होती है, तो भारत भी प्रतिक्रिया देता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि "अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक देशों को यह समझना चाहिए कि दूसरे देश भी उनकी टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देने का अधिकार रखते हैं।"
पश्चिम एशिया में संघर्ष को लेकर जताई चिंता
जयशंकर ने पश्चिम एशिया (West Asia Conflict) में बढ़ते तनाव पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत पश्चिम एशिया ( Middle East Tensions)में किसी भी क्षेत्रीय युद्ध की संभावना से "बहुत चिंतित" है और किसी भी देश की प्रतिक्रिया को अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानूनों के अनुरूप होना चाहिए। उन्होंने इसे वैश्विक स्तर पर मानवाधिकारों का उल्लंघन माना और इसे रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों की जरूरत बताई।
हमास-इजरायल युद्ध पर कही ये बात
जयशंकर ने इस्राइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष पर बात करते हुए इसे आतंकवादी हमला बताया। उन्होंने कहा कि "हमास द्वारा 7 अक्टूबर को किया गया हमला दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव की मुख्य वजह है।" जयशंकर ने इजरायल के जवाबी हमलों को सही ठहराया। हालांकि, कहा कि किसी भी कार्रवाई में मानवीय कानूनों का पालन करना जरूरी है।
भारत मानवीय पहलों का करता है समर्थन
ईरान और इस्राइल के बीच चल रहे विवाद पर विदेश मंत्री ने कहा कि भारत केवल इजरायल-हमास के बीच चल रहे संघर्ष ही नहीं, बल्कि पूरे पश्चिम एशिया में होने वाले सभी प्रकार के संघर्षों पर चिंतित है। विदेश मंत्री ने लाल सागर में हूती विद्रोहियों की ओर से किए जा रहे हमलों का भी जिक्र किया। जयशंकर ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय मानवीय पहलों , खास तौर से गाजा पट्टी में लोगों की मदद की कोशिशों का समर्थन करता है। भारत ऐसे समय में भी हमेशा सभी पक्षों के बीच संवाद बनाए रखने के लिए तैयार रहता है।
भारत की विदेश नीति अपनी राष्ट्रीय सीमाओं तक सीमित नहीं
जयशंकर ने कहा कि भारत की विदेश नीति वैश्विक स्तर पर गौर करती है। आज की दुनिया में किसी देश की राजनीति उसके राष्ट्रीय सीमाओं तक सीमित नहीं रह सकती। एस जसशंकर ने कहा कि अमेरिका इस बात का खास ध्यान रखता है, और भारत भी इस नीति का अनुसरण करता है। आज की वैश्विक दुनिया में सोशल मीडिया, आर्थिक शक्तियों और वित्तीय प्रवाह के माध्यम से देश अपने हित साधते हैं।