Indian Death Penalty Case in Qatar: कतर में बंद भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को बड़ी राहत मिली है। कतर की कोर्ट ऑफ अपील ने गुरुवार को इनकी सजा कम कर दी। इनकी मौत की सजा को उम्र कैद में बदल दी गई है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि भारत शुरुआत से इन नौसैनिकों के साथ है। इन्हें भारत सरकार की ओर से हर संभव कानूनी सहायता मुहैया कराई जाएगी।
विदेश मंत्रालय ने दी राहत की जानकारी
विदेश मंत्रालय ने कहा कि कतर में बंद भारत के पूर्व नौसैनिकों से जुड़े दहरा ग्लोबल केस में आए इस फैसले पर हमारी नजर है। मामले में सुनाए गए आदेश का पूरा डिटेल अभी नहीं मिल सका है। हम पूर्व नौसैनिकों के परिवार के सदस्यों और लीगल टीम के संपर्क में हैं। अब अगला क्या कदम उठाया जाएगा इसके बारे में फैसला लिया जाएगा।
16 महीने से कतर की जेल में हैं पूर्व नौसेनिक
कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पुरनेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और सेलर राजेश को कतर में मौत की सजा सुनाई गई थी। ये सभी पूर्व नौसिनक कतर की जेल में 30 अगस्त 2022 से कतर की जेल में बंद हैं। इनकी गिरफ्तारी के बाद भारत ने हैरानी जताई थी। कतर सरकार से इन्हें काउंसलर एक्सेस दिलावाने की कोशिशें शुरू की थी।
कतर ने मामले की सुनवाई में दिखाई तेजी
इस मामले की सुनवाई में कतर ने काफी तेजी दिखाई। इस साल 25 मार्च को इन सभी पूर्व अफसरों पर आरोप लगया किया गया और चार दिन बाद मुकदमा शुरू कर दिया गया। इसके बाद महज 6 महीने बाद यानी कि 26 अक्टूबर को सभी भारतीय नौसैनिक अफसरों को मौत की सजा सुना दी गई। अभी तक आधिकारिक रूप से नहीं बताया गया है कि इन पूर्व अफसरों पर क्या आरोप हैं। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में जासूसी के आरोप में इन्हें गिरफ्तार करने की बात कही गई है।
इसी साल अक्टूबर में मिला काउंसलर एक्सेस
कतर में इन बंद पूर्व नौसैनिकों को इसी साल 3 अक्टूबर को काउंसलर एक्सेस मिला था। इसके बाद दोहा स्थित भारतीय एम्बेसी के एम्बैसडर और अन्य अधिकारियों ने इन Ex Naval Officers से मुलाकात की थी। इसके बाद दो सुनवाई हुई जिसमें भारत सरकार की लीगल टीम ने अपने पूर्व नौसेना अधिकारियों का बचाव किया। काउंसलर एक्सेस मिलने के बाद यह तीसरी सुनवाई है जब इन पूर्व अफसरों को राहत मिली है।