Hassan Nasrallah Killing: इजरायली एयरस्ट्राइक में चरमपंथी संगठन हिजबुल्लाह के प्रमुख सैय्यद हसन नसरल्लाह की मौत को अमेरिका ने पीड़ितों के लिए 'न्यायपूर्ण कदम' बताया है। इसके साथ ही यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने इजरायल के लिए क्लियर सपोर्ट का ऐलान भी किया है। उधर, हिजबुल्लाह सरगना के खात्मे के बाद ईरान ने लेबनान और पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में इजरायली सेना की घातक कार्रवाई को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपातकालीन बैठक बुलाने की मांग की।

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की प्रतिक्रिया
यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने नसरल्लाह की हत्या को "उनके कई पीड़ितों के लिए न्याय का कदम" बताया, जिनमें हज़ारों अमेरिकी, इजरायली और लेबनानी नागरिक शामिल हैं। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने नसरल्लाह को "अमेरिकी खून से सना आतंकी" करार दिया, जिसके हाथों अमेरिका को बड़ा नुकसान हुआ। राष्ट्रपति बाइडेन ने "हिजबुल्लाह, हमास, हूती और किसी भी अन्य ईरानी समर्थित आतंकवादी समूहों के खिलाफ इजरायल के बचाव के अधिकार" के लिए अमेरिकी समर्थन को दोहराया।

बेरूत के हालात को लेकर यूएन ने जताई चिंता
रूस, कई यूरोपीय देशों और संयुक्त राष्ट्र ने हिजबुल्लाह प्रमुख को मार गिराने की घटना पर गहरी चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने लेबनान की राजधानी बेरूत में हालात को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है।

कमांडरों की हत्या से हिजबुल्ला कमजोर नहीं होगा: खामेनेई 
ईरान के सर्वोच्च नेता (सुप्रीम लीडर) अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा कि इजरायली कार्रवाई में हिज़बुल्ला के कमांडरों की हत्या से संगठन कमजोर नहीं होगा। ईरान ने संयुक्त राष्ट्र से इस मामले में इज़रायल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है और चेतावनी दी कि उसके राजनयिक ठिकानों पर हमला होने के गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

इजरायल ने बताया- नसरल्लाह की मौत क्यों जरूरी थी?
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि नसरल्लाह की हत्या के साथ उन लोगों का बदला लिया गया है, जिन्हें हिजबुल्लाह ने मार डाला था। हमारे पास इस कार्रवाई के अलावा कोई विकल्प नहीं था। इजरायल का कहना है कि नसरल्लाह के रहते हुए हिजबुल्लाह अपनी सैन्य क्षमताओं को फिर से बहाल कर सकता था। उधर, हिजबुल्लाह चीफ के मारे जाने के बाद इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव बढ़ गया है, जिसमें हवाई हमलों के दौरान पिछले 2 हफ्ते में 1,000 से अधिक लोग मारे गए।